नए संसद भवन का नाम अंबेडकर पर रखें, अनुरोध
विमलेश यादव
हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा ने मंगलवार को दो प्रस्ताव पारित कर नई दिल्ली में नए संसद भवन का नाम बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखने का अनुरोध किया और केंद्र सरकार के प्रस्तावित नए विद्युत संशोधन विधेयक, 2022 का विरोध किया है। राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के. टी. रामाराव ने एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि नव निर्मित संसद भवन का नाम अंबेडकर के नाम पर रखना उपयुक्त होगा, जो संविधान के शिल्पकार थे। राज्य के ऊर्जा मंत्री जी जगदीश रेड्डी ने (केंद्र के प्रस्तावित) विद्युत विधेयक का विरोध करते हुए दूसरा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों, गरीबों और विद्युत क्षेत्र के कर्मियों के हितों के विरूद्ध है। राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के तहत नये संसद भवन का निर्माण अंतिम चरण में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर, 2020 में इस नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद का शीतकालीन सत्र इस नये भवन में आयोजित करने की केंद्र की योजना है। विद्युत संशोधन विधेयक 2022 का उद्देश्य उपभोक्ताओं को विभिन्न सेवा प्रदाताओं के बीच विकल्प चुनने की सुविधा उपलब्ध करा बिजली वितरण के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा पैदा करना है। केंद्रीय बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने हाल में कहा था कि यह विधेयक साल के आखिर तक संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किये जाने की संभावना है। विधेयक को आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया था और उसी दिन उसे संसद की ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था।
क्या बोले ओवैसी ?
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि संसद भवन की नई इमारत का नाम बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर रखा जाए। संसद संविधान पर चलती है, इसलिए उस भवन का नाम बाबासहेब अंबेडकर के नाम पर रखना चाहिए। तेलंगाना में भी जो नई विधानसभा की इमारत बनाई जा रही है उसका नाम भी बाबासहेब अंबेडकर के नाम रखने की अपील हम तेलंगाना सरकार से करते हैं।
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