राज्य की सरकार को गिराने के षडयंत्र में 'भाजपा'
नरेश राघानी
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस में जारी राजनीतिक सरगर्मियों के बीच राज्य के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी फिर से राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराने के षडयंत्र में लग गई है। वहीं राजस्थान के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने एक बार फिर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की खुलकर वकालत की है।खाचरियावास ने कहा,’ राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आयकर विभाग सीबीआई के लोग बैठे हैं। भाजपा का खेल शुरू हो चुका है। भाजपा राजस्थान की सरकार को फिर गिराने के षडयंत्र में फिर लग गई है।’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में आलाकमान जो भी फैसला करेगा वह सबको मान्य होगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलें चल रही हैं। खाचरियावास ने कहा,’ विधायकों की बात को सुना जाना चाहिए। पार्टी नेतृत्व पर हमें भरोसा है। सोनिया गांधी को तो देश का एक एक कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी मां के समान मानता है।मां हमेशा न्याय करती है अन्याय नहीं करती।’ गहलोत समर्थक विधायकों के विधायक दल की बैठक से इतर बैठक किए जाने पर खाचरियावास ने कहा, ‘‘विधायकों का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि (2020 में मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ) बगावत करने वाले 19 लोगों में कोई मुख्यमंत्री बनने जा रहा है तो उनमें गुस्सा था । उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी को सौंपा। फिर भी हमारे प्रभारी, नेतृत्व एवं अशोक गहलोतजी जो फैसला करेंगे वह हमें मंजूर होगा ऐसा कोई झगड़ा नहीं है।’
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री निवास पर होनी थी। लेकिन गहलोत के वफादार विधायक इसमें नहीं आए। इन विधायकों ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी से मिलने गए और अपने इस्तीफे उन्हें सौंपे। बैठक में भाग लेने आए पार्टी प्रभारी अजय माकन ने इसे ‘अनुशासनहीनता’ बताया। इस बीच ताजा घटनाक्रम को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है।राजस्थान के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री गुढ़ा ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया। पायलट के मुख्यमंत्री बनने की अटकलों पर उन्होंने कहा,’ जो भी फैसला आलाकमान करेगा उसको मानेंगे …. क्योंकि सभी 200 विधानसभाओं में उनका नेटवर्क है, 36 कौम के वे नेता हैं और युवा हैं और राजस्थान में उनके आने से हम सरकार रिपीट कर सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि मौजूदा गतिरोध को आलाकमान बहुत जल्द ही समाप्त करेगा। अगर एक एक विधायक से बात की जाए तो वह यही कहेगा कि ‘जो आलाकमान कहेगा वह हमें मंजूर है।’ तिजारा से विधायक संदीप यादव ने भी पार्टी के आलाकमान में विश्वास जताया है। उन्होंने कहा,’ चुनावी समय यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी को अपनी भावनाएं रखने का अधिकार है लेकिन अपनी बात रखने के बार आलाकमान का फैसला स्वीकार करना चाहिए। पार्टी आलाकामन पर सब चीजें छोड़ देनी चाहिए।’ उन्होंने कहा,’ पार्टी आलाकमान जो तय करेगा वह हमें मंजूर करना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए।’ वहीं ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने संसदीय कार्यमंत्री’ शांति धारीवाल पर निशाना साधा। मदेरणा ने कहा,’ धारीवाल ने आलाकमान को आंख दिखाने का काम किया है। वे अपने कृत्यों को छुपाने के लिए (पार्टी प्रभारी) अजय माकन पर तोहमत लगा रहे हैं।’ दिव्या मदेरणा ने कहा कि शांति धारीवाल के खिलाफ (अनुशासनात्मक) कार्रवाई होनी चाहिए।
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