साव को विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने नोटिस भेजा
दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को कांग्रेस की ओर से विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष देवा देवांगन ने नोटिस भेजा है। पिछले दिनों अरुण साव ने बयान दिया था कि "श्री राम और श्री कृष्ण सब के हो सकते है। लेकिन कांग्रेस ने कभी नहीं हो सकते, सीएम को यह याद रखना चाहिए कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने श्री राम मंदिर को रोकने के लिए शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की थी"। कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को एक नोटिस भेजा है। इस नोटिस में उन्होंने तीन तथ्य समक्ष रखा है। पहला कि कांग्रेस दल ने कब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है कि राम भगवान काल्पनिक हैं उनसे दस्तावेज मांगा गया है। दूसरा कांग्रेस ने रामसेतु को तोड़ने का खाका कब तैयार किया था, जिसका अरुण साव ने दावा किया है, उसके भी दस्तावेज प्रस्तुत करें। तीसरा कांग्रेस पार्टी में श्री राम जन्मभूमि में मस्जिद बनाने का वादा कब किया था, इसका अरुण साव जवाब दें।
अरुण साहू के इस बयान के चलते कांग्रेस के कार्यकर्ता, कांग्रेस के पदाधिकारी और कांग्रेस पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की गई है, जिसके लिए हमने 15 दिनों के अंदर और उनसे जवाब मांगा गया है और यदि भी जवाब नहीं देते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव 15 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो उन पर मानहानि का केस किया जाएगा।
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