भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखें: सिंह
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखें है। लेकिन शर्त इतनी है कि ‘यहां जो बिकेगा वह यहीं बनेगा’ और इस मंत्र पर चलते हुए आने वाले समय में भारत दुनिया का सबसे मजबूत देश बनकर उभरेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि अभी केवल अगस्त महीने में 6 बिलियन डालर का विदेशी निवेश तो केवल भारत के स्टाक मार्केट्स में आया है। जब दुनिया के बाजारों में मंदी की आशंका जोर पकड़ रही है, भारत की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया की उम्मीदों का केन्द्र बना हुआ है। पहली तिमाही के आंकड़े आ गए है और भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 13.6 फीसदी निकल कर आई है। दुनिया के विशेषज्ञ हैरान है कि जहां दुनिया में विकास का सूखा पड़ा हुआ है भारत में GDP झंडे गाड़ रहा है।
राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि यदि आजादी के समय से ही जिन लोगों के हाथ इस देश की सत्ता रही उन्होंने Nation First की नीति पर काम किया होता तो भारत दशकों पहले ही एक विकसित देश की कतार में खड़ा होता। आप यह कह सकते है कि भारत उस समय कमजोर था, गरीब था, इसलिए उसे विकास की राह पर रफ्तार पकड़ने में समय लगा। मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 1950 में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। 1960 में वह लुढ़क कर आठवें और 1970 में 9वें और 1980 में तो वह टाप टेन की सूची से ही बाहर हो गई। नब्बे के दशक में थोड़ा सुधार हुआ मगर टॉप टेन की रैंकिंग में तब भी भारत बाहर ही था।
राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वापसी पिछले दस वर्षों में हुई जब वह नवीं पायदान पर आया। आज 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़कर दुनिया की टॉप 5 इकोनोमी में पांचवी पायदान पर है: यानि पिछले 75 सालों में हम जहां से चले थे वहीं अब जाकर हम वापिस लौट पाए है। विशेषरूप से प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से अर्थव्यवस्था न केवल विकास दर बढ़ी है, बल्कि उसे पहले की तुलना में काफी Dynamic और Strong बनाया गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले लोग मानते थे कि अर्थव्यवस्था जैसी चीजों में केवल बड़े-बड़े पूंजीपति और कारोबारी ही Stake Holder होते है। पिछले साढ़े आठ सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के गरीब से गरीब आदमी भी इस देश की अर्थव्यवस्था में Stake Holder बनाया है। जनधन, आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति ने देश में Digital Economy को ऐसी मजबूती दी है कि दुनिया आश्चर्य कर रही है। आज भारत के Digitalisation की रफ्तार तीस फीसदी से अधिक है जो विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि बैंक में खाता खुल जाने से भारत के गरीबों को हर योजना, हर सब्सिडी का लाभ सीधा अपने खाते में मिल गया। Direct Benefit Transfer की यह येाजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है। इस देश में एक वल्र्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर बने इस दिशा में काम चल रहा है। आज इस तरह की इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन संभवत: चीन को छोड़ कर कहीं और नही है। वहां भी अभी स्लो डाऊन चल रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कल्पना कीजिए कि जिस भारत देश में 2014 में बमुश्किल 400-500 स्टार्ट अप्स थे वहीं केवल आठ वर्षों के भीतर 75000 से अधिक स्टार्ट अप्स मजबूती के साथ खड़े हो गए है। इनमें से करीब सौ से अधिक तो एक बिलियन डालर की Valuation के कारण दुनिया भर में यूनिकॉर्न के रूप में जाने जा रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था को Dynamic और Efficient बनाने का ही परिणाम है कि आज जब दुनिया के बड़े-बड़े विकसित देश, रिकार्ड महंगाई की समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं भारत की महंगाई की दर बेकाबू नही होने पाई है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज ब्रिटेन में 18 फीसदी के आस-पास महंगाई है। अमेरिका में यह महंगाई दर 9-10 फीसदी है। इन देशों की जनता ने दशकों से महंगाई के दर्शन नही किए थे। जबकि भारत में महंगाई की दर अगस्त में 7 फीसदी रही है। भारत जैसे विकासशील देश में महंगाई पर काबू रखने और आर्थिक सुधार करने का ही परिणाम है कि आज विदेशी निवेशक भारत की तरफ, दौड़े-दौड़े चले आ रहे है।2021-22 में 83 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस देश में भी आधुनिक रक्षा सामग्रियां बन सकती है। यह भरोसा मुझे तो है ही, साथ ही हमारे प्रधानमंत्री जी को भी है। मेरा मानना है कि अगले दस वर्षों में जल, थल, नभ और अन्तरिक्ष में कारगर Defence Platforms बनाने की क्षमता इस देश में है। अभी आपने देखा कि कैसे भारत ने INS विक्रांत के रूप में एक स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है। इस जहाज में 76 फीसदी Indigenous Content है।
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