प्रचार समिति का अध्यक्ष बनने के बाद इस्तीफा दिया
इकबाल अंसारी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने बड़ा सियासी परिवर्तन करते हुए अपने संगठन में कई नए चेहरों को जगह दी थी। कुछ अनुभवी नेताओं को भी साथ लाने का काम किया गया था। इसी कड़ी में पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को प्रचार समिति का अध्यक्ष बना दिया था। उनके करीबी विकार रसूल वाणी को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस का नया प्रमुख बनाया गया। लेकिन, फिर भी कुछ ऐसा हुआ कि चंद घंटों बाद ही गुलाम नबी आजाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
पार्टी से नाराजगी बनी इस्तीफे की वजह ?
पहले तो उनकी तरफ से कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया, लेकिन बाद में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उन्होंने वो इस्तीफा दिया। लेकिन, जम्मू से कांग्रेस नेता अश्विनी हांडा ने अलग ही कहानी बयां कर दी है। उनके मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के लिए जिस प्रचार कमेटी का गठन किया है, उसमें जमीनी नेताओं को छोड़ दिया गया है। उनके साथ न्याय नहीं हुआ है। इस बारे में वे कहते हैं कि कांग्रेस द्वारा बनाई गई नई प्रचार कमेटी ने जमीनी नेताओं की आकांक्षाओं को नजरअंदाज कर दिया है। उनके साथ बड़ा अन्याय किया गया है। इसी वजह से गुलाम नबी आजाद ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वे भी इस नई कमेटी से संतुष्ट नहीं थे।
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