सीएम का होर्डिंग-बैनर नहीं हटाने का आदेश: बीएमसी
कविता गर्ग
मुंबई। एक याचिकाकर्ता ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को एक अखबार में प्रकाशित उस खबर के बारे में सूचित किया, जिसमें दावा किया गया है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) आयुक्त इकबाल चहल ने निकाय अधिकारियों को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का होर्डिंग-बैनर नहीं हटाने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की खंडपीठ सार्वजनिक स्थानों पर अवैध होर्डिंग, पोस्टर और बैनर के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
उच्च न्यायालय ने पूर्व में राज्य सरकार और नगर निकायों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि कहीं भी कोई अवैध होर्डिंग या बैनर लगाने की अनुमति नहीं है। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मनोज शिरसत ने शुक्रवार को अदालत को एक समाचार पत्र के लेख के बारे में सूचित किया जिसमें दावा किया गया था कि बीएमसी प्रमुख ने एक अनौपचारिक निर्देश जारी किया था जिसमें नगर निगम के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के किसी भी होर्डिंग या बैनर को नहीं हटाने के लिए कहा गया था।
शिरसत ने कहा, ‘‘यह किस तरह का निर्देश या आदेश है? हमें अवैध होर्डिंग के मुद्दे से निपटने में राज्य सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाने की जरूरत है।’’ इस पर पीठ ने कहा कि वह सिर्फ एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नहीं चल सकती और शिरसत को एक हलफनामे में इसे रिकॉर्ड में रखने के लिए कहा। मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, ‘‘आप (शिरसत) इस लेख को रिकॉर्ड में रखते हुए एक हलफनामा दाखिल करें। फिर हम सरकार से इसका जवाब मांगेंगे।’’ पीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में ले लिया और कहा कि वह 12 सितंबर को मामले की सुनवाई जारी रखेगी।
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