'मथुरा जन्मभूमि केस' में वीडियोग्राफी कराने का आदेश
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज/मथुरा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा आदेश दिया। कोर्ट ने मथुरा जन्मभूमि केस में वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया है। ये आदेश जस्टिस पीयूष अग्रवाल की बेंच ने दिया है। कोर्ट ने चार महीने में वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया है।वीडियोग्राफी कराकर सर्वे रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया गया है। बता दें कि इससे पहले वाराणसी में ज्ञानवापी केस में भी कोर्ट के आदेश के बाद वीडियोग्राफी हुई थी।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर और दो अधिवक्ता को सहायक कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस सर्वे कमीशन में वादी और प्रतिवादी के साथ सक्षम अधिकारी शामिल होंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा जिला न्यायालय को शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग में दाखिल प्रार्थना पत्र पर चार महीने में सुनवाई पूरी कर उसे निस्तारित करने का निर्देश दिया है।
कहा गया कि सालभर से अधिक समय बीतने के बावजूद इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है। वाद मित्र मनीष यादव ने सुनवाई जल्द पूरी करने की मांग में पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की। अर्जी में हाईकोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की प्रार्थना की गई थी। अर्जी पर हाईकोर्ट ने अधीनस्थ अदालत से आख्या मांगी थी। सोमवार को हाईकोर्ट ने अर्जी को निस्तारित करते हुए मथुरा जिला न्यायालय को मनीष यादव के प्रार्थना पत्र पर चार महीने में सुनवाई पूरी करते हुए उसे निस्तारित करने का निर्देश दिया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.