'बल्क ड्रग फार्मा पार्क' राज्य के लिए बड़ी सौगात
श्रीराम मौर्य
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बल्क ड्रग फार्मा पार्क राज्य के लिए बड़ी सौगात है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में 20 हजार प्रत्यक्ष और दस हजार अप्रत्यक्ष लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। ठाकुर ने बुधवार को यहां पत्रकारो से बातचीत में कहा कि फार्मा पार्क के लिए लगभग 100-120 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है। उन्होंने पार्क के आवंटित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस पार्क के लिए 1000 करोड़ की सहायता देगी। कांग्रेस पार्टी की 10 गारंटी घोषणा पर मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि जिसकी खुद की गारंटी खत्म हो गई हो वो क्या गारंटी देगी। ठाकुर ने कहा कि 125 यूनिट मुफ्त बिजली और महिलाओं को बस किराए में राहत देने पर जो पार्टी मुफ्त योजना की आलोचना कर रही थी सब खुद इस गारंटी घोषणा से लोगों को लुभाने के विफल प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस वो घोषणाएं कर रही है जिन्हें वो धरातल पर पूरा नहीं कर सकती । उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के बयान पर कहा कि ड्रग फार्मा कभी पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसकी डीपीआर तीन माह में तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लिए राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना का आवंटन वास्तव में एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह राज्य में कई वर्षों के लिए फार्मा फॉर्मूलेशन इकाइयों के प्रतिधारण के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक हमें दबाईयां चायना ने लेनी पड़ती थी। लेकिन इस पार्क के खुलने से हमारी मुशिकलें आसान हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि पार्क की अनुमानित परियोजना लागत लगभग 1200 करोड़ रुपये है, जिसमें से सामान्य बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा 1000 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया जाएगा और इस पार्क में लगभग 8000 से 10,000 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश अपेक्षित है। ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मार्च, 2020 को बल्क ड्रग पार्क योजना को मंजूरी दी थी और बाद में 21 जुलाई, 2020 को प्रस्ताव जमा करने के लिए मूल्यांकन मानदंड निर्धारित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए थे। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत सरकार के फार्मा विभाग (डीओपी) द्वारा 1000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के साथ परियोजना लागत का 90 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना अवधि के दौरान राज्य सरकार ने अपेक्षित भूमि की पहचान करना शुरू कर दिया और जिला ऊना की हरोली तहसील के पोलियां, टिब्बीं, मल्लूवाल में 1,405 एकड़ भूमि का चयन किया गया। उन्होंने कहा कि निवेश पर उच्च प्रतिलाभ के प्रस्ताव में उपयोगिता शुल्क और अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में दस साल के लिए तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली, दस साल के लिए शून्य रख-रखाव शुल्क और गोदाम शुल्क के अलावा 33 साल के लिए एक रुपये प्रति वर्गमीटर प्रति वर्ष भूमि दर, स्टाम्प शुल्क में छूट, अधिकतम निवेश के उच्च रिटर्न को सुनिश्चित करने के प्रस्ताव में प्रति वर्ष 51 लाख रुपये तक के सावधि ऋण पर सात प्रतिशत ब्याज सबवेंशन और शुद्ध एसजीएसटी पर 70 प्रतिशत छूट की पेशकश की गई थी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव प्रस्तुत करने से पहले शीर्ष फार्मा उद्योगों के साथ बातचीत की थी। बल्क ड्रग पार्क का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रस्तुत करने से पहले इसे मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था, जिसमें अत्यधिक प्रतिस्पर्धी उपयोगिता दर और उदार प्रोत्साहन की पेशकश की गई थी। मुख्यमंत्री निरंतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य मंत्रियों के साथ भी बैठक करते रहे। मुख्यमंत्री के इन प्रयासों के सार्थक परिणाम अब हिमाचल प्रदेश को बल्क ड्रग पार्क के आवंटन के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 600 से अधिक फार्मा निर्माण इकाइयां हैं और राज्य में थोक दवा की वार्षिक मांग लगभग 30,000-35,000 करोड़ प्रतिवर्ष है। अब इस पार्क से थोक दवा की मांग को लागत प्रभावी तरीके से पूरा किया जा सकेगा जो फार्मा निर्माण इकाइयों की उत्पादकता और परिचालन क्षमता को भी बढ़ाएगा। इसके अलावा यह पार्क पूरे देश में विशेष रूप से उत्तरी भारत की एपीआई जरूरतों को भी पूरा करेगा।
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