रक्त संचार को बेहतर करने में मदद, कपालभाति
सरस्वती उपाध्याय
कपालभाति फोर्सफुली एग्जेलेशन या सांस छोड़ने की क्रिया है, जो पूरे शरीर में रक्त संचार को बेहतर करने में मदद करता है। शरीर में अगर कहीं नर्व दब रही है या कहीं रक्त के संचार में गड़बड़ है, तो आप कपालभाति की मदद से इसे ठीक कर सकते हैं। लेकिन, इसे करते वक्त काफी सावधानियां भी बरतने की ज़रूरत होती है। अगर आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या है तो इसे ना करें। यही नहीं, प्रेग्नेंसी में भी कपालभाति नहीं करनी चाहिए। अगर आप हार्टके मरीज हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर धीमी गति से ही इसे करें। अगर आप कोविड से रिकवर कर रहे हैं और आपके फेफड़े कमजोर हैं, तो भी इसे करते वक्त बहुत अधिक सावधानियां बरतने की ज़रूरत है।
इन बातों को रखें ख्याल
-पहला नियम है कि कपालभाति का अगर आप अच्छा प्रभाव चाहते हैं, तो आप इसे पद्मासन की मुद्रा में करें, लेकिन अगर आप पद्मासन नहीं लगा पाते हैं, तो अर्ध पद्मासन में बैठकर इसे कर सकते हैं।
-दूसरा नियम है कि आपकी कमर, गर्दन सीधी होनी चाहिए।अगर आप कुर्सी पर बैठकर इसे कर रहे हैं, तो कमर को सीधा करके ही इसे करें।
-कपालभाति फोर्सफुली एग्जेल करना है, जिसमें तेजी से नाक से हवा को बाहर निकालने का अभ्यास किया जाता है।
-बहुत लोग पेट पर प्रेशर लगाकर इसे करते हैं, तो ये गलत तरीका है। आपको केवल नाक से तेजी से वायू को लय में निकालना है। इस वीडियो को आप यहां दिए गए लिंक पर देख सकते हैं।
कपालभाति कैसे करें
-पहला चक्र 2 मिनट का करना है। इसे करने के लिए आप पद्मासन में बैठें और नाक से वायू को तेजी से बाहर निकालें। 2 मिनट पूरा होने पर गहरी सांस लें और रिलैक्स करें।
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