'स्वदेशी मानव रहित' विमान की सफल उड़ान, इतिहास
नई दिल्ली/बेंगलुरु। डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने शनिवार को अपने पहले 'स्वदेशी मानव रहित' विमान की सफल उड़ान से इतिहास रच दिया। कर्नाटक ने चित्रदुर्ग में पूरी तरह से ऑटोनॉमस प्लेन ने सटीकता के साथ उड़ान पूरी की और परफैक्ट तरीके से जमीन पर लैण्ड हुआ। डीआरडीओ के इस मिशन को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत का एक अहम कदम बताया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह उड़ान भविष्य के मानवरहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण तकनीकियों को साबित करने के मामले में एक बड़ी कामयाबी मिली है।
यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्म निर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। बयान में कहा गया है कि इस मानवरहित प्लेन को वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) बेंगलुरू की ओर से डिजाइन और विकसित किया गया है जो डीआरडीओ की एक प्रमुख रिसर्च लैब है। यह विमान एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा ऑपरेट होता है। विमान के लिए उपयोग किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और फ्लाइट कंट्रोल स्वदेशी तौर पर विकसित है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह मानव रहित विमानों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है और इससे सेना में आत्मनिर्भर भारत का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
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