सरपंच मामला, दोबारा चुनाव कराने के आदेश दिए
हमीरपुर। उत्तर-प्रदेश के हमीरपुर में एक गांव में 21 साल से कम उम्र में एक महिला के सरपंच बनने के मामलें में एसडीएम कोर्ट ने दोबारा चुनाव कराने के आदेश दिए है। यह आदेश एक रिट की सुनवाई के बाद दिया गया है। एसडीएम कोर्ट ने एक और गांव की महिला सरपंच पर धोखाधड़ी के मामले में याचिका खारिज कर दिया है।
पिछले साल 26 अप्रैल को जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराए गए थे। 2 मई को मतगणना में मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव की अंशिका गौतम सरपंच के लिए विजयी घोषित की गई थी। गांव के ही महारजवा ने इस महिला के सरपंच बनने पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग पंचायत से शिकायत की थी। आरोप लगाया गया था कि सरपंच के चुनाव के लिए 21 साल की उम्र नियत है, लेकिन अंशिका गौतम की उम्र नामांकन करते समय 20 साल 3 माह थी।
चुनाव कराने का आदेश जारी
इसके बाद भी निर्वाचन अधिकारियों ने उसकी दावेदारी को जायज ठहरा दिया था। इस मामले की रिट एसडीएम मौदहा की अदालत में दायर की गई थी। इस पर एसडीएम सुरेन्द्र कुमार सिंह की कोर्ट ने प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर निर्वाचित सरपंच के चुनाव रद्द कर दोबारा चुनाव कराने के आदेश जारी कर दिए है। इस सरपंच के पिता के गांव के पंचायत मित्र है।
हमीरपुर के मौदहा क्षेत्र के भैंसमरी गांव के पंचायत चुनाव के परिणाम में पूनम सिंह सरपंच बनी थी। इसकी प्रतिद्वंद्वी सहोद्रा बाजपेई ने पंचायत निर्वाचन अधिकारियों के ऊपर जालसाजी और धोखेबाजी के आरोप लगाते हुए उपजिलाधिकारी अदालत में याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाये थे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिकारियों और विजयी घोषित हुए प्रत्याशी की मिलीभगत से वह एक मत से हरा दिए गए। इसके बाद उन्होंने दोबारा मत गिने जाने की मांग की थी। इसकी सुनवाई करते हुए उपजिलाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह ने कुछ साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने की बात कही तो उक्त रनर प्रत्याशी साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने में असमर्थ रही। इसके बाद उपजिलाधिकारी की अदालत ने रनर प्रत्याशी के जरिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया।
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