गुरुवार, 7 जुलाई 2022

केवल 40 मिनट का होगा, केदारनाथ का सफर

केवल 40 मिनट का होगा, केदारनाथ का सफर 

पंकज कपूर 
देहरादून। केदारनाथ का सफर 7-8 घंटे के बजाएं, केवल 40 मिनट का होगा। हर उम्र के लोग आसानी से केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए केन्‍द्र सरकार ने यहां पर रोपवे निर्माण का फैसला किया है। रोपवे निर्माण का काम सितंबर तक आवार्ड करने की तैयारी है और अगले साल मार्च तक निर्माण काम शुरू होने की संभावना है। रोपवे निर्माण में 3 साल का समय लग जाएगा‌।
मौजूदा समय केदारनाथ जाने का दो विकल्‍प हैं, पहला पैदल 7-8 घंटे का सफर कर पहुंचा जा सकता है और दूसरा हेलीकॉप्‍टर सेवा है। हेलीकॉप्‍टर सेवा महंगी होने के साथ साथ अधिक मांग होने की वजह से असानी से उपल्‍ब्‍ध नहीं होता है। इस वजह से ज्‍यादा श्रद्धालु पैदल ही केदारनाथ पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा को सड़क परिवहन मंत्रालय रोपवे निर्माण पर काम शुरू कर दिया है। इसका निर्माण एनएचएआई की कंपनी एनएचएलएमएल कर रही है।
सीईओ प्रकाश गौड़ बताते हैं कि सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देशन में केदारनाथ रोपवे निर्माण की प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है। सितंबर तक काम अवार्ड कर दिया जाएगा। निर्माण करने वाले कंपनी को साइट बनाने में समय लगेगा। इस तरह संभावना है कि मार्च 2023 तक निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पहाड़ी इलाका होने की वजह से निर्माण कार्य में समय लगेगा। तीन साल में रोपवे निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।इस तरह वर्ष 2026 से केदारनाथ रोपवे से पहुंचा जा सकेगा।
सीईओ प्रकाश गौड़ के अनुसार इस रोपवे में देश में पहली बार विश्‍व की सबसे सुरक्षित तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा। थ्री एस ट्राइ केबल तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा। इसमें केबल कार तीन तारों पर चलेगी। यह तकनीक विश्‍व में कुछ चुनिंदा जगह इस्‍तेमाल की गयी है।
रोपवे की कुल लंबाई 13 किमी. होगी।
सोनप्रयाग से शुरू होकर केदारनाथ पहुंचेगा।
सोनप्रयाग, केदानाथ के अलावा गौरीकुंड, चिरवासा और लिंटोली स्‍टेशन होंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

चीन में भूकंप के झटकें महसूस किए गए

चीन में भूकंप के झटकें महसूस किए गए  अखिलेश पांडेय  बीजिंग। उत्तर-पश्चिम चीन के निंग्जिया में भूकंप के झटकें महसूस किए गए है। चीन भूकंप नेटव...