रविवार, 12 जून 2022

मेरठ: 'गंगा डॉल्फिन पार्क' बनाने की कवायद प्रारंभ

मेरठ: 'गंगा डॉल्फिन पार्क' बनाने की कवायद प्रारंभ

हरिओम उपाध्याय/सत्येंद्र पंवार 
लखनऊ/मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में हस्तिनापुर से लेकर बिजनौर बैराज और नरौरा बैराज तक डॉल्फिन की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है। बीते दिनों हुई डॉल्फिन की गणना में भी सुखद परिणाम सामने आए थे। यहां चालीस से ज्यादा संख्या में ये ख़ूबसूरत जीव पाया गया था। इस ख़ुशख़बरी को देखते हुए अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां गंगा डॉल्फिन पार्क को लेकर एक्शन प्लान प्रस्तुत करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब वन विभाग गंगा डॉल्फिन पार्क का एक्शन प्लान तैयार कर रहा है।
मेरठ में ज़िला वन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बिहार की तर्ज़ पर मेरठ में गंगा डॉल्फिन पार्क बनाने की कवायद शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर एक्शन प्लान बनाकर सरकार को दिया जाएगा। डीएफओ ने बताया कि डॉल्फिन के संरक्षण के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है।साथ ही ईको टूरिज़्म पार्क बनाए जाने को लेकर भी कवायद जारी है।
गौरतलब है कि बीते दिनों डॉल्फिन की गणना के दौरान मेरठ के हस्तिनापुर स्थित मख़दूमपुर गंगा घाट पर ख़ूबसूरत डॉल्फिन दिखी थी। गणना कर रही टीम ने उस समय डॉल्फिन के साथ सेल्फी भी ली थी। वन विभाग वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और डबल्यू डबल्यू एफ की पांच टीमों ने जलीय जंतु डॉल्फिन की गणना की हैं।आमतौर पर डॉल्फिन की गणना हो जाती है लेकिन तस्वीर कैमरे में कै़द नहीं हो पाती लेकिन इस बार डॉल्फिन की काउंटिंग के समय न सिर्फ डॉल्फिन कैमरे में क़ैद हुई थी बल्कि टीम ने भी इस ख़ूबसूरत जलीय जंतु के साथ सेल्फी ली थी।
इधर बीते दिनों मुख्यमंत्री ने यूपी राज्य वन्यजीव बोर्ड की 13वीं बैठक की अध्यक्षता की थी। मुख्यमंत्री ने 04 वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर का शिलान्यास भी किया था। जनपद चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए गए थे। यह प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व होगा। प्रदेश में ‘डॉल्फिन पार्क’ की स्थापना की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश के साथ वन्यजीव रेस्क्यू सेण्टर बहिलपुरवा चित्रकूट वन प्रभाग, हस्तिनापुर मेरठ वन प्रभाग, गोपालपुर पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा मधवलिया महराजगंज में स्थापित किये जाने की बात कही गई। लखनऊ के कुकरैल वन क्षेत्र में नाइट सफारी और अत्याधुनिक चिड़ियाघर का विकास कराया जाना है, इसे लेकर वन, नगर विकास, आवास एवं लोक निर्माण विभाग मिलकर कार्ययोजना तैयार करे ऐसा कहा गया।
‘एक जनपद-एक गन्तव्य’ योजना के अन्तर्गत हर जनपद में ईको पर्यटन के अनुकूल स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं को विकसित किया जाने का भी निर्देश दिया गया है। स्थानीय और योग्य युवाओं को चयनित कर ‘नेचर गाइड’ के रूप में प्रशिक्षण और यूनीफॉर्म उपलब्ध करायी जाने की बात भी कही गई है। पर्यटकों को ईको पर्यटन स्थलों की ओर आकर्षित करने के लिए पर्यटन एवं संस्कृति विभाग कार्ययोजना बनायें, टूर ऑपरेटर्स को इससे जोड़ा जाये ऐसा भी कहा गया।वन्यजीवों के रेस्क्यू में संवेदनशीलता के साथ मानकों का पूरा ध्यान रखा जाने का भी निर्देश इस समीक्षा बैठक में दिया गया। अगले महीने आयोजित होने वाले ‘वन महोत्सव’ की सभी तैयारियां समय से पूरी किए जाने का भी निर्देश दिया गया।

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