बुधवार, 15 जून 2022

हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की

हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की प्रवक्ता नुपूर शर्मा के विवादित बयान पर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में हिंसा की घटना हुई। हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई की। इस मुद्दे पर आईएएनएस की ओर से सीवोटर द्वारा राष्ट्रव्यापी सर्वे किया गया। इस सर्वे के अनुसार, अधिकतर भारतीय लोग दंगाइयों के खिलाफ योगी सरकार की 'बुलडोजर' कार्रवाई से सहमत नहीं हैं।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 60 प्रतिशत लोगों कहा कि न्यायिक प्रक्रिया का पालन किए बिना आरोपियों के घरों को गिराना गलत है, वहीं 40 प्रतिशत लोग यूपी सरकार की कार्रवाई से सहमत है। अनुमान के मुताबिक, सर्वे के दौरान एनडीए के ज्यादातर मतदाताओं ने योगी सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया, वहीं विपक्षी समर्थकों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई।
सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए के 55 प्रतिशत समर्थकों ने कहा कि योगी सरकार ने आरोपियों के घरों को तोड़कर सही काम किया है, जबकि 71 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई के खिलाफ अपनी राय पेश की। पैगंबर मोहम्मद के बारे में भाजपा प्रवक्ता की भड़काऊ टिप्पणी को लेकर देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। शुक्रवार की नमाज के बाद कुछ राज्यों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। लोगों ने पथराव किया और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। साथ ही योगी सरकार से कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया।
हिंसा में भाग लेने वाले सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से कुछ के घर और संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया। विपक्षी नेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध किया और योगी सरकार पर अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया।

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