गोवा के कई दस्तावेज पुर्तगाल में, वापसी की मांग
इकबाल अंसारी
पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को कहा कि गोवा सरकार राज्य के उन सभी ऐतिहासिक दस्तावेजों को वापस पाने के लिए विदेश मंत्रालय से मदद मांगेगी, जो फिलहाल पुर्तगाली सरकार के कब्जे में हैं। सावंत ने दक्षिण गोवा के बैतूल में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की स्मृति में कहा कि ये दस्तावेज इतिहासकारों और छात्रों को शोध में मदद कर सकते हैं। सावंत ने कहा, "गोवा के कई दस्तावेज अभी भी पुर्तगाल में हैं। गोवा के पुरातत्व विभाग को विदेश मंत्रालय से संपर्क करना चाहिए और गोवा से संबंधित उन सभी दस्तावेजों को वापस लाने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "पुरातत्व मंत्री पुर्तगाल भी जा सकते हैं और गोवा में उन दस्तावेजों को वापस ले सकते हैं। इससे इतिहासकारों को शोध कार्य में मदद मिलेगी।" सावंत ने कहा कि किलों और गोवा के अन्य इतिहास से संबंधित दस्तावेज पुर्तगाल के कब्जे में हैं, जिन्हें शोध उद्देश्यों के लिए वापस लाने और अतीत में हुई सभी घटनाओं की सटीक जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "पुरातत्व मंत्री पुर्तगाल भी जा सकते हैं और गोवा में उन दस्तावेजों को वापस ले सकते हैं। इससे इतिहासकारों को शोध कार्य में मदद मिलेगी।" सावंत ने कहा कि किलों और गोवा के अन्य इतिहास से संबंधित दस्तावेज पुर्तगाल के कब्जे में हैं, जिन्हें शोध उद्देश्यों के लिए वापस लाने और अतीत में हुई सभी घटनाओं की सटीक जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है।
सावंत ने कहा, "शिवाजी महाराज ने गोवा पर शासन किया। कई लोगों ने इस इतिहास को मिटाने की कोशिश की। पुर्तगालियों ने गोवा के चुनिंदा तालुकों में 450 वर्षों तक गोवा पर शासन किया। उन्होंने कुछ वर्षों तक 8 तालुकों पर शासन किया। यदि हम इतिहास देखें तो हमें पता चलेगा कि पुर्तगालियों ने पूरे गोवा पर शासन नहीं किया था।" उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की वजह से गोवा की हिंदू संस्कृति बरकरार है। उन्होंने कहा कि छात्र शिवाजी महाराज के समय में मौजूद लोक प्रशासन की प्रणाली को सीख सकते हैं।
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