गुरुवार, 23 जून 2022

शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा, हरियाली तीज

शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा, हरियाली तीज
सरस्वती उपाध्याय  
हरतालिका तीज का व्रत देश में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। इस साल 31 जुलाई के दिन हरियाली तीज मनाई जाएगी। हरियाली तीज  को तीजा के नाम से भी जाना जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखती हैं। यह व्रत निराहार और निर्जल रहकर पति की लंबी आयु के लिए किया जाता है। यह व्रत एक बार शुरू कर देने पर इसे बीच में छोड़ा नहीं जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है एवं पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
हरियाली तीज व्रत का शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज  2022 की पूजा 31 जुलाई को प्रातः 6:30 से 8:33 के मध्य करना उत्तम है।
हरियाली तीज की प्रदोष पूजा के लिए सायंकाल 6:33 से रात्रि 8:51 तक शुभ मुहूर्त है।
व्रत रखने के नियम
जो महिलाएं पहली बार हरियाली तीज व्रत रखने की सोच रही हैं। वह एक बार यह व्रत शुरु करती हैं तो बीच में नहीं छोड़ना चाहिए।
अगर हरियाली तीज के दौरान महिलाओं को मासिक धर्म हो जाए तो उन महिलाओं को दूर से ही भगवान की कथा सुननी चाहिए। भगवान को नहीं छूना चाहिए।
हरियाली तीज के दिन महिलाएं रात्रि में जागरण करती हैं। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस व्रत में रात में सो जाता है। वह अगले जन्म में अजगर के रूप में जन्म लेता है।

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