मॉरेचिनानू के 140वें जन्मदिन पर याद किया: गूगल
अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। गूगल द्वारा श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू के 140वें जन्मदिन पर उन्हें गूगल डूडल के जरिए, याद किया जा रहा है।
लेकिन, क्या आप जानते है कि श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू कौन थी ?
जिनको गूगल ने इतने सालों बाद भी श्रद्धांजलि दी, तो चलिए आज हम आपको बताते है। बता दें, श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू उन महिलाओं में से एक हैं। जिन्होंने अपने दम पर अपनी पहचान हासिल की। आज उनका 140वां जन्मदिन है।
दरअसल, श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू रेडियोधर्मिता की खोज और अनुसंधान में अग्रणी महिलाओं में से एक थी। केमिस्ट्री और भूतिकी की महान वैज्ञानिक थी। आपको बता दें, यह कोई आम महिला नहीं थी। भूकंप और बरसात के बीच की कड़ी का इन्होंने ही गहन अध्ययन किया था। उस दौरान यह पहली बार नोटिस किया गया कि भूकंप के लिए उपरिकेंद्र पर रेडियोधर्मिता में अक्सर उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
गौरतलब है कि श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू का जन्म 18 जून 1882 को बुखारेस्ट हुआ था। उन्होंने, 1907 में बुखारेस्ट विश्वविद्यालय में दाखिला के बाद 1910 में भौतिक और रासायनिक विज्ञान में उन्होंने डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने बुखारेस्ट, प्लोएस्टी, इयासी और कैम्पुलुंग के उच्च विद्यालयों में पढ़ाया भी। 1919 में उन्होंने मैरी क्यूरी के साथ सोरबोन में मॉरेचिनानू ने रेडियोएक्टिविटी पर एक कोर्स किया। इनके सफर की शुरुआत यही से शुरू हुई। उसके बाद 1926 तक रेडियम संस्थान में मैरी क्यूरी के साथ उन्होंने शोध किया। श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू ने पोलोनियम के आधे जीवन पर भी शोध किया।
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