शनिवार, 25 जून 2022

किसानों ने विद्युत कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया

किसानों ने विद्युत कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया
सत्येंद्र पंवार 
मेरठ। किसानों के खेत में लगे ट्यूबवेलों पर बिजली मीटर लगाने का विरोध कर रहे किसानों का आज ऊर्जा भवन में आक्रोश फूट पड़ा। पश्चिमी उप्र के 14 जिलों के किसानों ने इसके विरोध में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। मेरठ के ऊर्जा भवन में शनिवार को वेस्ट यूपी के 14 जिलों के किसानों ने पहुंचकर सरकार के खिलाफ धरना दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार अपने वादे से पीछे हट गई है। सरकार अब किसानों का हित नहीं कर रही। इससे तो अच्छा है कि वो हमको मौत ही दे दे। किसान अपने घरों के बिजली के बिल तो चुका नहीं सकता।
किसानों का आरोप था कि जिस सरकार को बनवाने में उन्होंने अपना वोट दिया वहीं सरकार अब उनके साथ धोखा कर रही है। सरकार के द्वारा ट्यूबवेल और बिजली बिलों पर जो मीटर लगाये जा रहे है। उनकी गलत नीतियों के खिलाफ किसानों का धरना व पंचायत हुई। सहारनपुर,मेरठ, बागपत, मुरादाबाद, हापुड़, बिजनौर, नोएडा,गाजियाबाद,मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर सहित पश्चिमी उप्र के किसान मेरठ के ऊर्जा भवन में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने टयूबवेल पर इलेक्ट्रिक मीटर और उसमें आने वाले बढ़े बिजली बिलों का विरोध करते हुए धरना प्रद्रर्शन शुरू कर दिया।
किसानों ने कहा कि भाजपा कि सरकार ने 2014 में सरकार बनने पर भी फ्री बिजली देने का वादा किया था। और वह वादा पूरा करने में नाकाम रही। वही छल वह 2022 चुनाव जीतकर दोबारा करना चाहती है। 2022 चुनाव में सरकार ने हमसे जीतने के बाद फ्री बिजली देने का वादा किया था। बिजली तो फ्री हुई नहीं, बिल भी माफ नहीं कियें लेकिन सरकार ने ट्यूबवेलों पर भी मीटर लगवा दिए। किसान आज दहशत में है और पुलिस उनके घरों पर छापेमारी कर उन्हे पकड़ रही है। बिजली के बिल के बोझ के तले कई किसानों की मौत हो गई। सरकार बिजली फ्री नहीं करेगी तब तक किसान सड़को पर ही रहेगा।

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