मूसेवाला का जन्मदिन, समाधि पर पहुंचें प्रशंसक
अमित शर्मा
मानसा। पंजाब में मानसा जिले के मूसेवाला गांव का नाम देश-विदेश में रोशन करने वाले प्रसिद्ध पंजाबी गायक शुभदीप उर्फ सिद्धू मूसेवाला के शनिवार को जन्मदिन पर बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक उनकी समाधि पर पहुंचें। पाकिस्तान से लेकर देश के कई राज्यों से आये उनके प्रशंसकों में बच्चे से लेकर नौजवान और बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि माताएं और बहनें भी उनको अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दे रही हैं। उनके अंतिम संस्कार मेंं जिस तरह जन सैलाब उमड़ा था। वैसे ही उनके भोग पर दिखाई दिया और आज वह 29 साल के हो गये। उनकी समाधि पर फूल माला अर्पित करने वाले रूंधे गले से उनको सजदा कर उनकी याद में पौधा रोपित कर रहे हैं और मूसेवाला की निर्मम हत्या के लिये सरकार को जिम्मेदार बताते हैं।
उनका कहना था कि यदि उनकी सुुरक्षा कटौती की बात सार्वजनिक न होती और गैंगस्टरों पर पहले ही नकेल कस दी जाती तो आज हमारा प्यारा गायक हमारे बीच होता। समाधि पर आये लोगों का कहना है कि ऐसा होनहार ,जमीन से जुड़ा ,हर एक को सम्मान देने वाला बालक हमने नहीं देखा। जिसने छोटी-सी उम्र में दुनिया में बड़ा नाम कमाया। उसके फैन पंजाब से लेकर पूरे देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में हैं। बुलंदियों को छूने के बाद लोग शहरों या विदेश की ओर रूख करते हैं। लेकिन उसने अपने गांव में बसने का फैसला किया और गांव में बड़ी आलीशान कोठी बनाईं। उसने अपनी खेती खुद की और माता पिता के साथ रहना ही पसंद करता था।
उनका कहना था कि यदि उनकी सुुरक्षा कटौती की बात सार्वजनिक न होती और गैंगस्टरों पर पहले ही नकेल कस दी जाती तो आज हमारा प्यारा गायक हमारे बीच होता। समाधि पर आये लोगों का कहना है कि ऐसा होनहार ,जमीन से जुड़ा ,हर एक को सम्मान देने वाला बालक हमने नहीं देखा। जिसने छोटी-सी उम्र में दुनिया में बड़ा नाम कमाया। उसके फैन पंजाब से लेकर पूरे देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में हैं। बुलंदियों को छूने के बाद लोग शहरों या विदेश की ओर रूख करते हैं। लेकिन उसने अपने गांव में बसने का फैसला किया और गांव में बड़ी आलीशान कोठी बनाईं। उसने अपनी खेती खुद की और माता पिता के साथ रहना ही पसंद करता था।
कातिलों ने ऐसे सूरमा को मारकर मां की गोद सूनी कर दी। बुढ़ापे में माता पिता का दर्द सहा नहीं जाता। गौरतलब है कि मूसेवाला जब पास के गांव अपनी बीमार मौसी का हालचाल लेने जा रहे थे तो उनकी रेकी कर रहे केकडा नाम के दुष्ट ने उनके जाने की बात गैंगस्टर कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ को दी और उसने शार्प शूटरों को उसे खत्म करने के हुक्म दिये। गांव से कुछ ही दूरी पर जवाहरके गांव में उनकी थार गाड़ी को घेर कर उनपर ताबड़तोड़ गाेलियों से शरीर छलनी कर दिया था।
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