महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, चर्चा की
दुष्यंत टीकम
कोरबा। वीरों की भूमि राजस्थान में 482 वर्ष पहले जन्मे वीर योद्धा और पराक्रमी राजा महाराणा प्रताप, उनकी जयंती के अवसर पर कोरबा में याद किया गया। राजपूत क्षत्रिय समाज के द्वारा महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ देश के लिए किए गए कार्यों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर यहां काफी संख्या में नागरिकों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
अपने अद्भुत शौर्य और पराक्रम से दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले परम प्रतापी महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा सैकड़ों वर्षो के बाद भी हर तरफ सुनी जा रही है।
भारत भूमि में हर तरफ उनके रण कौशल की चर्चा जारी है। कोरबा में महाराणा प्रताप के 482 वे जन्मदिवस पर राजपूत क्षत्रिय समाज सहित अन्य वर्ग के लोगों ने अपने सरोकार दिखाएं और उनका जय जयकार किया। बताया गया कि महाराणा प्रताप अपने अपने समय में जो योगदान दिया, वह चिरस्थायी है। महापुरुषों का स्मरण वर्ष के 2 दिन ही करने की परंपरा विभिन्न क्षेत्रों में बनी हुई है। जरूरत इस बात की है कि महापुरुषों के बताए हुए रास्ते पर चलने के साथ उनसे कुछ सीखने का काम भी किया जाए।
भारत भूमि में हर तरफ उनके रण कौशल की चर्चा जारी है। कोरबा में महाराणा प्रताप के 482 वे जन्मदिवस पर राजपूत क्षत्रिय समाज सहित अन्य वर्ग के लोगों ने अपने सरोकार दिखाएं और उनका जय जयकार किया। बताया गया कि महाराणा प्रताप अपने अपने समय में जो योगदान दिया, वह चिरस्थायी है। महापुरुषों का स्मरण वर्ष के 2 दिन ही करने की परंपरा विभिन्न क्षेत्रों में बनी हुई है। जरूरत इस बात की है कि महापुरुषों के बताए हुए रास्ते पर चलने के साथ उनसे कुछ सीखने का काम भी किया जाए।
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