वायु गुणवत्ता, मेरठ की स्थिति अत्यधिक खराब मानी गई
सत्येंद्र पंवार
मेरठ। वायु गुणवत्ता के मामलें में एनसीआर क्षेत्र में मेरठ शहर की स्थिति अत्यधिक खराब मानी गई है। वाहनों के प्रदूषण, कचरे के पहाड़ और उड़ती धूल से यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक अक्सर खराब की श्रेणी में रहता है। ठंड के मौसम में तो देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में मेरठ की गणना होती है। इसके बाद भी वायु गुणवत्ता सुधार के लिए दिए जा रहे बजट में मेरठ की उपेक्षा की जा रही है।
कुछ दिन पहले सात महानगरों को जारी हुई पहली किस्त में सबसे कम धनराशि मेरठ को मिली है। 15 वें वित्त आयोग की संस्तुति के अंतर्गत प्रदेश के सात महानगरों को कुल 169.25 करोड़ रुपये प्रथम किस्त के रूप में जारी किए गए हैं। सात महानगरों में लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, मेरठ, वाराणसी, गाजियाबाद और आगरा शामिल हैं। सबसे अधिक धनराशि 56.25 करोड़ रुपये कानपुर को और सबसे कम धनराशि मेरठ को सिर्फ नौ करोड़ दिए गए हैं। नगर निगम को इस धनराशि से शहर के खुले स्थानों पर ग्रीन बेल्ट विकसित करने, पानी छिड़काव की स्प्रिंकलर मशीन और धूल की सफाई के लिए रोड स्वीपिंग मशीन आदि संसाधन जुटाने हैं।
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