धर्मांतरण के लिए मजबूर करना, कतई बर्दाश्त नहीं
इकबाल अंसारी
पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि राज्य में लोगों को ईसाई धर्म अपनाने का लालच देने के आरोप में हाल ही में गिरफ्तार किए गए पादरी के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं, जिनमें एक व्यक्ति की मौत से संबंधित मामला भी शामिल है। सावंत ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का पूरा सम्मान करती है, लेकिन लोगों को धन या दूसरी चीजों का लालच देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किए जाने को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि राजधानी पणजी से लगभग 20 किलोमीटर दूर उत्तरी गोवा के सालिगांव में सक्रिय पादरी डॉमिनिक डिसूजा और उनकी पत्नी जोआन को दो लोगों द्वारा अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराए जाने के बाद बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इन शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि दोनों धर्मांतरण में शामिल रहे हैं। अधिकारी ने कहा था कि पादरी और उनकी पत्नी कथित रूप से धन की पेशकश करके या बीमारी का इलाज कराने का लालच देकर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते थे।
सावंत ने कहा कि पहले भी डिसूजा द्वारा कथित रूप से जबरन धर्मांतरण कराए जाने के मामले पुलिस की नजर में आए थे। उन्होंने कहा कि पादरी के खिलाफ एक व्यक्ति की मौत के सिलसिले में भी मामला दर्ज किया गया था, जिसे उन्होंने कथित ‘चमत्कारी तेल’ लगाया था। सावंत ने कहा कि पादरी के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की गई है और मामले की जांच जारी रहेगी।
पुलिस ने पादरी और उनकी पत्नी के खिलाफ धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने तथा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण कृत्यों में लिप्त होने संबंधी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के अलावा औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
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