'फैटी लिवर डिसीज' बीमारी के लक्षण, जानिए
सरस्वती उपाध्याय
'फैटी लिवर डिसीज' एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है। यह बीमारी आज के समय में काफी आम हो चुकी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आज हर 3 में से 1 इंसान इस बीमारी का सामना कर रहा है। इस बीमारी के कारण लिवर सही तरीके से काम नहीं कर पाता और कई समस्याएं होने लगती हैं। कई लोगों का मानना है कि जो लोग शराब आदि का सेवन ज्यादा करते हैं, केवल उन्हें ही इस समस्या का सामना करना पड़ता है, जबकि ऐसा नहीं है। जो लोग शराब नहीं पीते, उन लोगों में भी यह बीमारी हो सकती है।
लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि जो लोग अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, उन लोगों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। जिन लोगों ने कभी भी शराब का सेवन नहीं किया है, उनमें भी यह समस्या देखने को मिलती है और इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे: हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, डायबिटीज, स्लीप एपनिया, अंडरएक्टिव थाइरॉयड आदि। अधिकतर मामलों में शुरुआत में इस बीमारी का पता नहीं चल पाता। नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर डिसीज एक ऐसी स्थिति है, जो शराब के कारण नहीं होती, लेकिन अगर ऐसे में शराब का सेवन किया जाए तो यह और भी बढ़ सकती है।
बढ़ता हुआ वजन हो सकता है कारण...
ब्रिटिश लिवर ट्रस्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पामेला हीली का कहना है कि कई लोगों को यह तक पता नहीं होता कि इंसान का बढ़ता हुआ वजन भी फैटी लिवर के जोखिम को बढ़ा सकता है। लिवर हार्ट की ही तरह महत्वपूर्ण ऑर्गन है, लेकिन लोग इसे स्वस्थ रखने की बिल्कुल कोशिश नहीं करते।
लिवर के बारे में कई सारे मिथक भी फैले हुए हैं। उदाहरण के लिए बहुत से लोग मानते हैं कि लिवर की बीमारी उन लोगों को होती है, जो शराब का सेवन करते हैं। लेकिन इसके अलावा भी कुछ लोग ऐसे हैं जो शराब का सेवन नहीं करते लेकिन फिर भी उन्हें बढ़े हुए वजन के कारण फैटी लिवर डिसीज का खतरा होता है।
शुरुआत में नजर नहीं आते लक्षण...
हर इंसान के लिवर में फैट की कुछ मात्रा होती है, लेकिन जैसे-जैसे लिवर में फैट की मात्रा बढ़ती जाती है, उसे हाई ब्लड प्रेशर, किडनी प्रॉब्लम्स और डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है।
शुरुआत में फैटी लिवर डिसीज के कोई लक्षण नजर नही् आते, लेकिन अगर इसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो गंभीर लक्षण सामने आ सकते हैं। इसके बाद यह यह नॉन-अल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस या NASH नामक एक और गंभीर स्थिति में परिवर्तित हो सकती है, जिसमें लिवर में काफी सूजन आ जाती है। जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, यह सूजन ब्लड वेसिल्स और लिवर दोनों को प्रभावित करने लगती है। हो सकता है नॉर्मल इंसान को यह भी पता न चले कि उसके लिवर में समस्या पैदा हो चुकी है।
फैटी लिवर डिसीज वाले लोगों में दिखते हैं ये लक्षण...
अगर किसी को फैटी लिवर डिसीज की समस्या होती है तो उनमें ये लक्षण नजर आ सकते हैं।
पेट के ऊपरी दाएं भाग में दर्द (पसलियों के नीचे)
अत्यधिक थकान।
जरूरत से ज्यादा वेट लॉस।
कमजोरी।
लिवर को जब सालों से नुकसान पहुंच रहा हो तो वह सिरोसिस में बदल जाती है। सिरोसिस के कारण लिवर को जो नुकसान होता है, उसे सही नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति के बाद ये लक्षण नजर आते हैं।
त्वचा का पीलापन।
आंखों का सफेद होना।
त्वचा में खुजली।
पैर, टखने या पेट में सूजन।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव।
एक्सपर्ट कहते हैं कि इस बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव करना काफी जरूरी है। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में लिवर रिसर्च के हेड प्रोफेसर जोनाथन फॉलोफील्ड कहते हैं, नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी डिसीज के मरीज 2030 तक 5 प्रतिशत से बढ़कर 7 प्रतिशत तक हो जाएंगे। ज्यादातर लोग नहीं जानते कि उन्हें फैटी लिवर डिसीज हो चुका है। ये अक्सर ऐसे लोग होते हैं, जो बाहर से पतले दिखते हैं लेकिन उनके लिवर पर फैट होता है। उनके पेट के चारों ओर चर्बी जमी होती है और थकान भी होने लगती है।
फैटी लिवर डिसीज से बचने के लिए कुछ चीजों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे लोगों को 7 से 10 प्रतिशत वजन घटाने की कोशिश करनी चाहिए। एरोबिक एक्सरसाइज या हल्की वेट ट्रेनिंग से भी लिवर की सेहत को फायदा होता है। इसके लिए डॉक्टर डायबिटीज कंट्रोल करने की भी सलाह देते हैं। शरीर में कॉलेस्ट्रोल लेवल को भी घटाने की कोशिश करनी चाहिए।
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