यूपी: निकाय चुनाव की तैयारियों की कवायद
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में अब निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। सूबे में अक्टूबर-नवंबर महीने तक निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। निकाय चुनाव की घोषणा से पहले योगी सरकार सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत का सर्वे करा रही है। जिसके सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों में वार्ड का गठन हो सके। लेकिन उससे पहले जमीनी हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को क्षेत्र में उतार दिया है। इसके लिए उन्होंने एक कैबिनेट मंत्री के साथ एक स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी थी।
हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है सुल्तान शाह बाबा का दरगाह, आइये जाने इसके बारे में तीन दिन तक मंत्री अलग-अलग जिलों के दौरे पर रहे वहां आम लोगों से मुलाकात की और अधिकारियों के सामने उनकी समस्याओं को सुना। इस आधार पर मंत्रियों ने एक रिपोर्ट तैयार की थी। मंत्रियों से मिले फीडवैक के आधार पर सीएम योगी आगे की रणनीति तय करेंगे। कहा तो यह भी जा रहा है कि कई जिलों से अधिकारियों की शिकायतें मिली हैं। यह रिपोर्ट सीएम को मिलने के बाद उन अफसरों पर गाज गिरनी तय है। नगर निकाय चुनाव के लिए परिसीमन का कार्य शुरू वहीं सरकार से आदेश मिलने के बाद नगर निकाय चुनाव के लिए परिसीमन का कार्य भी शुरू हो चुका है। 56 जिलों के 151 निकायों में परिसीमन होगा। जिसमें एक नगर निगम और दो नगर पालिका परिषद शामिल हैं। साथ ही सीमा विस्तार में 9 नगर निगम, 21 नगर पालिका और 35 नगर पंचायत हैं। नए परिसीमन के बाद यहां सीमा विस्तार का कार्य पूरा होगा और फिर नए वार्ड बनेंगे। यह कार्य पूरे होने पर यहां निकाय के चुनाव कराएं जाएंगे।
फजीहत के बाद लोहिया संस्थान ने वापस लिया फैसला, पत्रकारों पर लगा बैन हटा विधानसभा चुनाव से पहले हुए पंचायत चुनाव में यहां वोटिंग नहीं हुई थी क्योंकि इसे पहले ही निकायों में शामिल कर लिया गया था। जहां विकास के कार्य भी शुरू हो चुके हैं। निकाय चुनाव से पहले होने वाले नए परिसीमन 2011 की जनगणना के अनुसार ही होगा। पहले कहा गया था नई जनगणना के आधार पर वार्डों का गठन होगा। लेकिन 2021 में जनगणना नहीं होने के बाद अब 2011 को ही परिसीमने के लिए आधार बनाकर इसका गठन किया जाएगा। परिसीमन वाले 56 जिले योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में कई जिलों के नगर निकायों का दायरा बढ़ा दिया था। यहां नगर निगम, नगर पालिया और नगर पंचायत के क्षेत्र फल बढाए गए हैं। इसी आधार पर अब यहां परिसीमन कराकर नए वार्डों का गठन होगा। उसके बाद यहां पहली बार निकाय के चुनाव होंगे।
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