सोमवार, 16 मई 2022

नवसंकल्प चिंतन शिविर, कायाकल्प का खाका तैयार

नवसंकल्प चिंतन शिविर, कायाकल्प का खाका तैयार

हरिओम उपाध्याय

लखनऊ। कांग्रेस के उदयपुर नवसंकल्प चिंतन शिविर में अपने कायाकल्प का खाका तैयार किया है। तीन दिवसीय शिविर की सबसे बड़ी कामयाबी फिलहाल यही है कि पार्टी के नए-पुराने सभी नेता एकसाथ बैठे और चुनावी रणनीति व संगठन में बदलाव को लेकर विचार मंथन किया। पार्टी में असंतोष के स्वर उठाने वाले जी-23 के नेता भी पूरे शिविर में सक्रिय दिखाई दिए‌। हाशिए पर जा चुके जनार्दन द्विवेदी और सुरेश पचौरी सरीखे दिग्गज कांग्रेसियों ने भी चिंतन शिविर में हिस्सा लिया। बेलाग और बेलौस अंदाज में अपनी बातों को नेतृत्व के सामने रखा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो चिंतन शिविर के जरिए राहुल गांधी की पार्टी में ‘निर्विरोध’ स्वीकार्यता बनती दिख रही है। पूरे शिविर का स्वर और माहौल राहुल मय रहा। उनका दावा है कि शिविर में हुए विचार मंथन का अघोषित संदेश सितम्बर में होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में देखने को मिल जाएगा।

राहुल गांधी ही बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष ?
चिंतन शिविर में पार्टी नेताओं ने तमाम विषयों पर विचार मंथन किया। लेकिन सूत्र बताते हैं कि शिविर के दौरान बातचीत का सबसे बड़ा मुद्दा यही रहा कि पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा‌। हालांकि अधिकारिक तौर पर तो इस विषय पर कोई बात नहीं हुई, लेकिन हर ग्रुप में इसे लेकर चर्चा जरूर हुई‌। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बिना नाम लिए बताया कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी ही संगठन और परिवार की पहली पसंद हैं। ऐसे में उनका कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना लगभग तय है‌।

जनता से संबंध बनाने को पदयात्रा...
चिंतन शिविर में सोनिया गांधी ने अपने भाषण को छोटा रखा तो प्रियंका गांधी ने शांत रहकर दूरी बनाई‌। राहुल गांधी ने अपनी बात रखी. ये भी तय हुआ कि गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को पार्टी ‘भारत जोड़ो’ नारे के साथ पूरे देश में पदयात्रा करेगी। कश्मीर से कन्याकुमारी तक राहुल के नेतृत्व में यात्रा होगी। इस दौरान पार्टी के नेता जनता के साथ सीधे संवाद करेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि जनता के साथ पार्टी का संवाद और सम्बध टूट सा गया है, उसे कायम करने और जीवंत बनाने के लिए इस तरह की पदयात्रा बहुत जरूरी है‌।

राहुल ने बनाया भविष्य का रोडमैप...
चिंतन शिविर से निकले विचारों के अमृत में पीके यानि प्रशांत किशोर की छाप कई जगह दिखाई पड़ी। पीके ने कांग्रेस पार्टी में बदलाव का जो ब्लू प्रिंट दिया था, राहुल गांधी ने उनको लागू करने की जिम्मेदारी खुद पर ली है‌। संगठन में भी कुछ आमूलचूल बदलाव जल्द ही देखने को मिलेंगे। कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी ने अपने भाषण के जरिए पार्टी का जो रोडमैप तैयार किया है‌। वह एक तरीके से भविष्य के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ही विजन हो सकता है।


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