संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा, विकास कार्य
इकबाल अंसारी
रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर झारखंड में विकास कार्य सरकारी संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। दास ने रविवार को कहा कि आमतौर पर सरकार के पास पैसे की कमी नहीं होती है, लेकिन झारखंड में स्थिति इसके उलट हो गई है। झारखंड में राजस्व का प्रमुख स्रोत खनिज रहे हैं। लेकिन राज्य की हेमंत सरकार कोयला, बालू, पत्थर आदि को खुद लुटवा रही है। इससे जो आमदनी हो रही है वह दलालों के बीच बंट रही है।
सरकार खजाना खाली होने का रोना रो रही है और आम लोगों पर टैक्स बढ़ाकर सरकार इसकी भरपाई करने पर तुली हुई है। जैसे मुगलों ने जजिया कर थोपा था, उसी तरह से हेमंत सरकार ने आम लोगों पर पांच गुणा तक कर बढ़ाकर राजस्व प्राप्ति का उपाय निकाला है। दास ने कहा कि 100 यूनिट बिजली फ्री देने के वादे के साथ सत्ता में आयी हेमंत सरकार ने एक यूनिट बिजली भी फ्री नहीं की है, बल्कि 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत होने पर सबसिडी हटा ली है। इसी तरह वाटर चार्ज हमारे समय जहां 6 रुपये प्रति 1000 लीटर था, उसे बढ़ा 9.50 रुपये प्रति 1000 लीटर कर दिया। इसी तरह वाटर कनेक्शन पहले 4000 रुपये में मिलता था, उसे 7000 रुपये कर दिया गया है। होल्डिंग टैक्स में भी हेमंत सरकार ने बेतहाशा बढ़ोत्तरी की है।
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