'आईएफपीआरआई' ने भारत को लेकर चिंता जाहिर की
अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अंतरराष्ट्रीय फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएफपीआरआई) ने भारत को लेकर चिंता जाहिर की है। इंस्टिट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले साल में भारत में 9 करोड़ से ज्यादा की आबादी पर भुखमरी का खतरा मंडरा सकता है। ग्लोबल फूड पॉलिसी रिपोर्ट 2022 में कहा गया है कि 2030 तक 9 करोड़ भारतीयों को भूखमरी का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट में भी कहा गया है कि आने वाले 70-80 साल में फसलों की पैदावार में कमी आएगी और हीट वेव और अधिक बढ़ जायेगा। गर्मी के स्तर में भी कई गुना वृद्धि हो जाएगी।
23 फीसदी तक देश में बढ़ जाएंगे भुखमरी के शिकार...
रिपोर्ट में यह बताया गया कि भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण 2030 तक 9 करोड़ से ज्यादा लोग भुखमरी का सामना करेंगे। सामान्य परिस्थिति में यह आंकड़ा 7.39 करोड़ होता लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण भुखमरी का सामना करने वालों की संख्या में 23 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके साथ ही 2030 तक औसत कैलोरी खपत में मामूली गिरावट की भी संभावना देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य परिस्थिति में 2697 किलो कैलोरी प्रति व्यक्ति/दिन से जलवायु परिवर्तन के कारण 2651 किलोकैलोरी प्रति व्यक्ति/दिन तक कमी आएगी।
फसलों के पैदावार में आएंगी कमी...
औसत तापमान में वृद्धि की वजह से फसलों की पैदावार पर असर पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण 2041-2060 तक पैदावार 1.8 से 6.6 प्रतिशत और 2061-2080 तक 7.2 से 23.6 प्रतिशत तक गिर सकती है। रिपोर्ट में ग्रीनहाउस उत्सर्जन को कम करने के लिए पानी की कमी वाले उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत में चावल के बजाय दूसरी फसलों की पैदावार बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाले बिना इन क्षेत्रों में चावल की पैदावार वाले इलाकों को कम किया जा सकता है।
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