अनावश्यक मुनाफाखोरी पर तत्काल रोक, मांग
दुष्यंत टीकम
रायपुर। बेतहाशा बढ़ती महंगाई से त्रस्त आमजनता को राहत दिलाने हेतु जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं पेट्रोलियम मंत्री श्री हरदीप एस पूरी को पत्र लिखकर तेल कंपनियों की अनावश्यक मुनाफाखोरी पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा है कि पेट्रोल डीजल व अन्य कमोडिटी के दाम बढ़ने से थोक महंगाई दर उच्चतम स्तर 15 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है। जोकि, गत वर्ष की तुलना में 4 . 25 प्रतिशत अधिक है।
जिसके कारण देश में उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। आमजनता के मासिक बजट में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है और कोरोना की तीनों लहर के बाद आमजनों की कमाई घटी है। घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है। जिसके फलस्वरूप आमजनता मानसिक अवसाद , बी पी , शुगर जैसी बीमारियों से घिर गई है एवं परिवार सहित आत्महत्या करने मजबूर हो गए हैं। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने आगे कहा कि देश की इन परिस्थितियों के दौरान पिछ्ली तिमाही में जहाँ तेल कंपनियां नुकसान में तेल बेचने की बात कह रही थी 9 रुपये का नुकसान बता रही थी उस काल में केवल इंडियन ऑयल ने ही 6000 करोड़ से ज्यादा का मुनाफा कमाया है।
पेट्रोल डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि से दैनिक उपयोग की सब्जी, फल, खाद्यान्न इत्यादि के दामों में वृद्धि की मार जनता झेल रही है और तेल कंपनियां मुनाफा कमाने का रिकॉर्ड बना रही है। जोकि आम जनता की जेब पर डाका है। इंडियन ऑयल की तेल बाजार में आधी हिस्सेदारी है, इतना ही मुनाफा अन्य कंपनियों ने भी कमाया है। कोचर व चोपड़ा ने कहा कि सरकार का काम मुनाफा कमाना नही होना चाहिये उसे जनता को सही दाम पर सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए। सरकार के संरक्षण में तेल कंपनियां जनता की जेब पर डाका डाल रही है। देश की जनता संवेदनशील सरकार से उम्मीद करती है कि शीघ्र पेट्रोलियम पदार्थों की मुनाफाखोरी पर लगाम लगाकर जनता को महंगाई से राहत दिलाएगी। जैन संवेदना ट्रस्ट ने टोलप्लाज़ा को भी महंगाई का बड़ा कारण बताया है, एवं मांग की है कि खाद्य पदार्थों के परिवहन को टोल टैक्स से मुक्ति प्रदान कर जनता को महंगाई की मार से बचाया जाए।
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