मुख्य विकास अधिकारी ने वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की
हरिशंकर त्रिपाठी
देवरिया। मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने बृहस्पतिवार को वर्चुअल माध्यम से जलजीवन मिशन, बाबा साहब अम्बेडकर रोजगार योजना एवं सोशल ऑडिट की समीक्षा की। सोशल आडिट की समीक्षा में ए.टी.आर में सबसे खराब प्रगति विकास खण्ड-भाटपाररानी की पायी गई। भाटपाररानी में 308 प्रकरणों में से मात्र 77 प्रकरण ही विकास खण्ड द्वारा अपलोड किया गया है। जिसमें से एक पर भी एक्सन टेकेन रिपोर्ट अपलोड नहीं किया गया है। जिसके लिए कार्यक्रम अधिकारी, भाटपाररानी को कड़ी चेतावनी दी गई। शेष अन्य समस्त कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सोशल आडिट के अन्तर्गत ऑनलाईन प्रदर्शित हो रहे समस्त ए.टी.आर को अपलोड कर साक्ष्य स्वरूप ए.टी.आर की हार्ड कापी जनपद स्तर पर उपलब्ध करायें। बैठक में विकास खण्ड-भाटपाररानी व लार के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रतिभाग न करने के कारण उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
बाबा साहब अम्बेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना की समीक्षा में पाया गया कि जिन लाभार्थियों को अनुदान राशि उपलब्ध कराया गया है। उनका सत्यापन आख्या विकास खण्डों द्वारा प्रेषित किया जाता है। अभी तक विकास खण्ड- रूद्रपुर, भलुअनी, भागलपुर, सलेमपुर तथा भटनी का सत्यापन आख्या अप्राप्त है। संबंधित खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि आज सायं तक अनिवार्य रूप से लम्बित सत्यापन आख्या उपलबध करायें अन्यथा लापरवाही मानते हुए कार्यवाही की जायेगी।जल जीवन मिशन योजना (ग्रामीण) की समीक्षा के तहत मे.एल.सी.इंफ्रा को 288 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ करने थे। जिसके सापेक्ष मात्र 160 परियोजनाओं पर ही कार्य प्रारम्भ किया गया है। मे० गायत्री प्रोजेक्ट लि. द्वारा 217 परियोजनाओं पर कार्य करने थे। जिसमें से मात्र 40 नग परियोजनाओं पर ही कार्य प्रारम्भ कराया गया है। यह प्रगति बहुत ही धीमी है। धीमी प्रगति के लिए दोनों फर्मों को नोटिस जारी करने हेतु अधिशासी अभियन्ता, जल निगम (ग्रामीण) को निर्देशित किया गया।
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