खोज: 40 लाख साल पहले का जीवाश्म मिला
सुनील श्रीवास्तव
जकार्ता। वैज्ञानिकों ने बोर्नियो द्वीप पर पत्ते के जीवाश्म की खोज की है। ये जीवाश्म द्वीप पर प्रमुख रूप से पाए जाने वाले वृक्ष डिप्टरोकार्प्स के हैं। लेकिन खास बात ये है कि वैज्ञानिकों को जो जीवाश्म मिला है, वह 40 लाख साल पहले का है। इससे वैज्ञानिकों ने ये निष्कर्ष निकाला है कि लगभग 40 लाख सालों से डिप्टरोकार्प्स ने वर्षावनों को घेर रखा है। ये पेड़ 60 मीटर तक लंबे हो सकते हैं। करीब 40-50 मीटर की ऊंचाई तक इनमें कोई शाखा नहीं होती है। अगर इन पेड़ों के होने तक डॉनासोर जिंदा होते तो सबसे बड़ा डायनासोर जिराफैटिटान जो 12 मीटर का होता था, वह भी उसकी पत्तियों तक न पहुंच पाता।
पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में एक अतंरराष्ट्री रिसर्च टीम ने पाया की द्वीप पर जिस तरह का लैंडस्केप आज है। उसी तरह 26 लाख से 53 लाख साल पहले प्लियोसीन युग के दौरान भी था। शोधकर्ता मानते हैं कि उनका निष्कर्ष गंभीर रूप से लुप्त हुई प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए और अधिक औचित्य जोड़ते हैं, जिनका ये कभी घर हुआ करता था।
एशिया के टापुओं पर थे डिप्टरोकार्प्स...
पेन स्टेट कॉलेज अर्थ एंड मिनरल साइंसेज में भूविज्ञान के प्रोफेसर पीटर विल्फ ने कहा, ‘ये पहली बार है जब पता चलता है कि बोर्नियों समेत एशिया के अन्य समुद्र तटीय क्षेत्रों में डिप्टरोकार्प्स के पेड़ मौजूद थे, बल्कि प्रभावशाली भी थे। हमें किसी भी अन्य पौधों के समूह की जगह डिप्टरोकार्प्स के जीवाश्म मिले हैं।’
पत्तियों से मिले बड़ी जानकारी...
इससे पहले शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च को बोर्नियो में पराग (Pollen) के जीवाश्म की रिसर्च तक सीमित कर रखा था। इस पराग के जरिए शोधकर्ता बोर्नियो के जंगल जीवन के बारे में रिसर्च कर रहे थे। लेकिन पराग उनके लिए उतना अच्छा विकल्प नहीं रहा, क्योंकि ये बेहद तेजी से गलते हैं। लेकिन पत्तियों के मिलने से पूरी इनफॉर्मेशन मिल सकती है।
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