बैसाखी के सहारे 'एवरेस्ट बेस कैंप' की चढ़ाई
दुष्यंत टीकम/अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ की बेटी चंचल सोनी ने 14 वर्ष की उम्र में बैसाखी के सहारे एवरेस्ट बेस कैंप की चढ़ाई कर अनोखा रिकॉर्ड बना दिया। इस चढ़ाई के साथ ही चंचल पूरे विश्व में सबसे कम उम्र की एंप्यूटी क्लाइंबर बन गई है। इस अभियान में चंचल के साथ विभिन्न श्रेणी जैसे दिव्यांगता, जेंडर, उम्र तथा कम्युनिटी के कुल 9 लोगो द्वारा सफलतापूर्वक चढ़ाई की गई। एवरेस्ट बेस कैंप तक की चढ़ाई के लिए चंचल को 10 दिनों का समय लगा और उन्होंने 5364 मीटर की चढ़ाई कर वये उपलब्धि अपने नाम की। चंचल ने बताया कि इस चढ़ाई का मकसद विविधता ,समावेशन और एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना था।
14 साल की चंचल का जन्म से नहीं है एक पैर...
14 साल की चंचल सोनी धमतरी की रहने वाली हैं। इन्होंने एक पैर और बैसाखी के सहारे एवरेस्ट के बेस कैंप की चढ़ाई की है। चंचल 12 साल की उम्र से व्हील चेयर बास्केट बॉल प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने बताया कि ट्रैकिंग के लिए एक साल से पैदल चलने की प्रैक्टिस कर रही हूं। रोज रूद्री से गंगरेल डैम तक यानी लगभग 12 किलोमीटर पैदल चलती थी। कई बार आसपास के जंगल और पहाड़ों पर भी गई। चंचल एक पैर से डांस भी करती हैं।
चंचल ने राजिम कुंभ मेला में 3 साल पहले भाग लिया था। पर्वतारोही और इस टीम के लीडर चित्रसेन को पता चला कि चंचल की रुचि ट्रैकिंग में है। उन्होंने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए चंचल के परिजनों के बारे में जानकारी लेकर संपर्क किया। इसके बाद चंचल इस एवरेस्ट बेस कैंप मिशन का हिस्सा बनी और कामयाबी भी हासिल की।
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