शनिवार, 21 मई 2022

यूक्रेनी सैनिकों के आखिर दल ने सरेंडर किया

यूक्रेनी सैनिकों के आखिर दल ने सरेंडर किया  

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत       

मास्को/कीव। यूक्रेन जंग में रूस को एक बड़ी सफलता मिली है। मारियूपोल का अजोवस्तल स्टील प्लांट अब पूरी तरह से रूसी सेना के कब्जे में आ गया है। प्लांट में छिपे 2439 अजोव लड़ाकों और यूक्रेनी सैनिकों ने रूस की सेना के सामने सरेंडर कर दिया है। मारियूपोल में अजोवस्तल स्टील प्लांट ही ऐसी जगह थी, जो रुस समर्थित दोनेत्सक मिलिशेया के कब्जे से बाहर थी। उसके कब्जे से अब पूरी तरह से मारियूपोल और उसके आस-पास का इलाका रूसी सेना के अधिकार-क्षेत्र में आ गया है। रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अजोवस्तल स्टील प्लांट में छिपे अजोव-नाजी लड़ाकों और यूक्रेनी सैनिकों के आखिर दल ने शनिवार को रूसी सेना के सामने सरेंडर कर दिया। इस आखिरी दल को मिलाकर अबतक अजोवस्तल प्लांट से 2439 लड़ाके सरेंडर कर चुके हैं। रूस रक्षा मंत्रालय ने इस सरेंडर का एक वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो में अजोव लड़ाकों के शरीर पर नाजी टैटू और निशान साफ दिखाई पड़ रहे हैं। रूसी सैनिक और दोनेत्सक मिलिशेया के लड़ाके यूक्रेन के लिए लड़ रहे और अजोव सैनिकों के सामान की तलाशी करते हुए भी देखे जा सकते हैं।

अजोवस्तल स्टील प्लांट पर था यूक्रेन का कब्जा...
आपको बता दें कि अजोव-समंदर पर बसे डॉनबास के अहम पोर्ट-सिटी, मारियूपोल पर तो रूस और दोनेत्सक मिलिशेया ने अप्रैल महीने के मध्य में ही पूरी तरह कब्जा कर लिया था, लेकिन शहर के बाहर अजोवस्तल स्टील प्लांट पर यूक्रेन के सैनिकों और उन्हें समर्थन कर रहे अजोव लड़ाकों ने कब्जा कर रखा था और पिछले एक डेढ़ महीने से रूस सेना को जबरदस्त टक्कर दे रहे थे।

यूक्रेन को अजोव सागर से काट दिया...
मारियूपोल शहर और अजोव स्टील प्लांट पर कब्जे के साथ ही रूस ने अब यूक्रेन को अजोव-सागर से पूरी तरह काट दिया है। मारियूपोल शहर यूक्रेन के दोनेत्सक प्रांत का हिस्सा है। जिसे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही एक स्वतंत्र देश घोषित कर चुके हैं। दोनेत्सक के एक बड़े हिस्से पर अब रूस समर्थित दोनेत्सक मिलिशेया का कब्जा हो चुका है। मारियूपोल शहर पर पूरी तरह कब्जे की खबर खुद रूस के रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगु ने पुतिन को दी है। इसके बाद सर्जेई शोईगु ने रुसी सैन्य कमांडर सहित दोनेत्सक और लुहांंस्क के कमांडर्स के साथ एक अहम मीटिंग की।

लुहांस्क आजाद देश घोषित...
शनिवार को ही रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस बात का ऐलान भी किया कि जल्द ही डॉनबास प्रांत के लुहांस्क पर भी रुस समर्थित मिलिशेया का पूरा कब्जा होने वाला है। दोनेत्सक की तरह ही यूक्रेन के लुहांस्क को भी रूस के राष्ट्रपति, पुतिन आजाद देश घोषित कर चुके हैं। दोनेत्सक और लुहांस्क यूक्रेन के डॉनबास प्रांत का हिस्सा थे, लेकिन 21 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन (आक्रमण) शुरु करने के साथ ही पुतिन ने दोनेत्सक और लुहांस्क को यूक्रेन से अलग दो आजाद देश घोषित कर दिए थे। पिछले कई सालों से रुस के समर्थन से यहां मिलिशिया यानि विद्रोही गुटों ने यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ रखी थी।

दोनेत्सक और लुहांस्क पर रूस का कब्जा...

पिछले महीने एबीपी न्यूज की टीम जब डॉनबास में वॉर-रिपोर्टिंग के लिए मौजूद थी, तो पाया था कि दोनेत्सक और लुहांस्क दोनों ही इलाकों में रुस समर्थित विद्रोही गुट का ही कब्जा है। यहां तक की प्रशासनिक कब्जा भी विद्रोहियों का ही था। पुतिन की मदद से दोनों ही इलाकों में अलग-अलग सरकार और उनके प्रमुखों का ऐलान किया जा चुका है। रूस ने जब जंग का ऐलान किया था तब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेनस्की ने कहा था कि रूस के कब्जे से डॉनबास को वापस लेना नामुमिकन है। लेकिन जैसे ही अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई शुरु हो गई। तब जेलेनस्की के सुर बदल गए थे और उन्होनें साफ तौर से दावा किया था कि रुस से डॉनबास वापस लेने के लिए जंग जारी रहेगी।


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