31 मई को मनाया जाएगा ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’
डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। हर साल 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इस बार भी 31 मई को ही मनाया जाएगा। इस खास दिन पर तंबाकू के खतरे के बारे में दुनियाभर में जागरूकता फैलाई जाती है। तंबाकू का उपयोग किस तरह से शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, इसके बारे में तमाम जानकारियां इस खास दिन पर दी जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं। इस वजह से इस दिन डब्लूएचओ इस खास दिन पर जनता को तंबाकू के उपयोग के खतरों, तंबाकू कंपनियों के व्यवसाय प्रथाओं, डब्लूएचओ के प्लान आदि के बारे में लोगों को सूचना दी जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक तंबाकू संकट और महामारी से होने वाली बीमारियों और मौतों के बढ़ते मामलों को देखते हुए साल 1987 में पहला ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ बनाया। 1987 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने संकल्प WHA40.38 पारित किया, जिसमें 7 अप्रैल को “विश्व धूम्रपान निषेध दिवस” मनाने का प्रस्ताव रखा गया। इसके बाद 1988 में संकल्प WHA42.19 पारित किया गया, जिसमें 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के रूप में जारी किया गया। तब से आज तक इस दिन दुनिया भर में तंबाकू और इसके सेवन के घातक परिणामों के प्रति लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व
‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। यही नहीं, इसके साथ-साथ निकोटीन व्यावसाय और तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना भी है।
क्या है इस बार की थीम
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