शनिवार, 9 अप्रैल 2022

पिनाका मिसाइलों का सफल परीक्षण: संगठन

पिनाका मिसाइलों का सफल परीक्षण: संगठन  

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। भारतीय सेना और भारतीय रक्षा अनुसंघान संगठन (डीआरडीओ) ने पिछले 15 दिनों में देश के कई स्थानों से पिनाका मिसाइलों का सफल परीक्षण किया। कुल मिलाकर 24 परीक्षण किए गए हैं। इन परीक्षणों में पिनाका मिसाइल ने टारगेट को पूरी सटीकता और गति के साथ ध्वस्त कर दिया। उसने तय मानकों को पूरा किया।

पिनाका एमके-1 (एनहैंस्ड) रॉकेट सिस्टम (Pinaka Mk-1 Enhanced Rocket System) और पिनाका एरिया डिनायल म्यूनिशन (Pinaka Area Denial Munition - ADM) रॉकेट सिस्टम का सफल परीक्षण किया गया। यह दोनों ही तकनीक पिनाका मिसाइल सिस्टम का नया वर्जन है। इससे इसकी उड़ान क्षमता, नेविगेशन, सटीकता और गति में बढ़ोतरी होती है।
पिनाका को लॉन्च करने से लेकर लक्ष्य भेदने तक राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम और टेलीमेट्री सिस्टम आदि की निगरानी की गई। इस मिसाइल के सारे सिस्टम्स ने तय मानकों को सफलतापूर्वक पार किया और उच्चतम सटीकता से टारगेट को ध्वस्त कर दिया। इस मिसाइल का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है। आपको बता दें कि पिनाका मिसाइल सिस्टम 44 सेकेंड में 12 मिसाइल लॉन्च करती है। यानी करीब हर 4 सेकेंड में एक मिसाइल फायर होती है। 214 कैलिबर के इस लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागे जा सकते हैं। यानी दुश्मन के ठिकाने को कब्रिस्तान में बदलने के लिए ये सबसे बेहतरीन हथियार है। रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 किलोमीटर के नजदीकी टारगेट से लेकर 90 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकता है।
रॉकेट लॉन्चर के तीन वैरिएंट्स हैं। MK-1 ये 40 किलोमीटर हमला करने के लिए है। MK-2 लॉन्चर से 90 किलोमीटर और MK-3 (निर्माणाधीन) लॉन्चर से 120 किलोमीटर तक हमला किया जा सकता है। इस लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है। इसका व्यास 8.4 इंच है। इस लॉन्चर से छोड़े जाने वाले पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं। यह रॉकेट 100 किलोग्राम तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम है।इस मिसाइल सिस्टम की शुरुआत 1986 में हुई थी।
पिनाका रॉकेट की स्पीड 5757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यानी एक सेकेंड में 1.61 किलोमीटर की गति से हमला करता है। दुश्मन को इतना भी मौका नहीं मिलता की वह टारगेट से दूर भाग सके। पिनाका रॉकेट मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) है। इसे भारतीय सेना के लिए DRDO ने बनाया है। सेना के सूत्रों ने बताया कि पिनाका रेजीमेंट को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने को चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा। बीईएमएल ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगी जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 6 पिनाका रेजीमेंट में 'ऑटोमेटेड गन एमिंग एंड पोजिशनिंग सिस्टम'के साथ 114 लॉन्चर, 45 कमान पोस्ट भी होंगे। मिसाइल रेजीमेंट का संचालन 2024 तक शुरू करने की योजना है।
करगिल युद्ध के दौरान इस मिसाइल को टट्रा ट्रक पर लोड करके ऊंचाई वाले इलाकों में भेजा गया था। वहां पर इस रॉकेट ने दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ा दी थी। सभी पाकिस्तानी दुश्मनों को पहाड़ पर बनाए अपने बंकरों को छोड़कर भागना पड़ा या फिर मारे गए। क्योंकि ये रॉकेट इतनी गति से हमला करता है कि दुश्मन को संभलने का मौका ही नहीं मिलता।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया

विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया  अखिलेश पांडेय  मेलबर्न। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे चौथे टे...