रविवार, 10 अप्रैल 2022

कांग्रेस आलाकमान को चिट्ठी लिखकर दर्द बताया

कांग्रेस आलाकमान को चिट्ठी लिखकर दर्द बताया  

संदीप मिश्र        
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सक्रिय हो गए हैं। राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की समीक्षा की जा रही है और अब दशकों तक पार्टी के साथ खड़े रहने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बताया है और कहा कि राज्य में कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के लिए पार्टी को सख्त फैसले लेने होंगे। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अब पार्टी की कमान राज्य में जमीनी नेता को देनी चाहिए और इस पद पर किसी आयातित नेता को नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए।
फिलहाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलाकमान को सच्चाई से रूबरू करा रहे हैं और वह बताना चाहते हैं कि पार्टी की हार क्यों हुई ? वरिष्ठ नेताओं का कहना कि राज्य में कैसे पार्टी के हालात सुधर सकते हैं, इस पर आलाकमान को मंथन करना चाहिए। इन नेताओं ने दर्द बंया करते हुए लिखा है कि पार्टी के सामने मुश्किल खड़ी है और उन्हें आलाकमान से मिलने का वक्त भी नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा अब चिट्ठी के जरिए इन नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को दर्द लिखा है। इन नेताओं का साफ कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसी आयातित नेता को नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि जनता से जुड़े हुए और अनुभवी और वफादार को राज्य की कमान सौंपनी चाहिए। गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने राज्य के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से इस्तीफा ले लिया था।
सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं का कहना है कि राज्य में 2014 के बाद से पार्टी का जनाधार तेजी से गिरा है। हालांकि इन नेताओं ने सोनिया समेत राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में विश्वास जताया है। इन नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी सोनभद्र, हाथरस, लखीमपुर खीरी, आगरा और ललितपुर में पीड़ितों से मिली और वह राज्य में मुख्य विपक्षी नेता की भूमिका में दिखी थी। इससे राज्य में कार्यकर्ताओं में उनके प्रति विश्वास बढ़ा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों में कानपुर के पूर्व विधायक भुधर नारायण मिश्रा, नेक चंद्र पांडे, हाफिज मोहम्मद उमर, सरदार कुलदीप सिंह, गणेश दीक्षित, संजीव दरियाबादी, कन्नौज के संतोष चतुर्वेदी, सीतापुर के हरीश बाजपेई, गाजीपुर के अमिताभ अनिल दुबे, बुलंदशहर के राजेंद्र सिंह सोलंकी के साथ ही अन्य नेता हैं। इन नेताओं का कहना है कि राज्य में हार के बाद पार्टी को सख्त फैसले लेने चाहिए।

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