किसानों की जमीन पर प्लांट लगाने की सहमति
हरिओम उपाध्याय
वाराणसी। किसानों की जमीन पर नेडा के सहयोग से सोलर पावर प्लांट लगेगा और उसे पावर ग्रिड को बेचा जाएगा। बनारस के आठ जगहों पर किसानों के साथ हुई बैठक में दो किसानों ने अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने की सहमति देते हुए नेडा में आवेदन किया है। अब इनकी जमीनों के दस्तावेजों की पड़ताल कराने के साथ ही उसकी पैमाइश व कानूनी प्रक्रिया कराई जाएगी।
वहीं नेडा यानी अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत पिंडरा, जक्खिनी, लालपुर, सेवापुरी, दीनदासपुर, बरकी और नेवादा पावर हाउस पर सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया (सेकी) और नेडा विभाग ने जनवरी में किसानों के साथ बैठक की और सोलर पावर प्लांट किसानों की जमीन पर लगाने की बात विस्तार से बताई।
वहीं योजना के तहत किसानों की जमीन 25 साल की लीज पर ली जाएगी और उसमें सोलर पावर प्लांट लगाकर उत्पादित बिजली को ग्रिड को बेची जाएगी। किसानों की जमीन का सालाना भाड़ा दिया जाएगा। योजना के तहत वही किसान इस योजना से आच्छादित हो सकते हैं जिनकी जमीन कम से कम चार एकड़ है। दो किसान मिलकर भी जमीन को बराबर-बराबर हिस्से में आधा-आधा दे सकते हैं।वहीं प्रभारी अधिकारी नेडा प्रेम प्रकाश सिंह बताते हैं कि अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए राजातालाब तहसील के घोसिला गांव निवासी तेग बहादुर सिंह और बसंतपुर गांव निवासी नागेंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह व सीता देवी ने आवेदन दिया है। इन किसानों ने एक एकड़ का सालाना किराया एक लाख रुपये की मांग की है।
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