शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022

'डिजिटल संपत्ति' से आय पर 30% कर की घोषणा

'डिजिटल संपत्ति' से आय पर 30% कर की घोषणा    

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। भारत के लिए कानून तभी बनाएगा, जब ऐसी एसेट्स को रेगुलेट करने पर ग्लोबल सर्वसम्मति होगी। सरकार, प्रावधानों को विनियमित या कड़ा करने के लिए जल्द ही किसी कानून की योजना नहीं बना रही है, क्योंकि चर्चा निजी है।
कई वर्षों के बाद, प्रधानमंत्री के प्रशासन ने 1 अप्रैल से डिजिटल संपत्ति से आय पर 30% कर की घोषणा की।जिससे व्यापार करना महंगा हो गया और इस तरह के लेनदेन को घुड़दौड़ और लॉटरी जैसी गतिविधियों के बराबर कर दिया गया है। सरकार के रुख को स्पष्ट करने के लिए एक कानून लाने की योजना बनाई थी।
प्रधानमंत्री  ने जनवरी में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कहा था कि  पर वैश्विक जस्टीफ़ाइड दृष्टिकोण की आवश्यकता है और यह कि एक राष्ट्रव्यापी कार्रवाई पर्याप्त नहीं होगी।
केंद्रीय बैंक ने खुले तौर पर निजी डिजिटल मुद्राओं के विरोध में आवाज उठाई है, उनकी तुलना पोंजी योजनाओं से की है और कहा है कि वे वित्तीय संप्रभुता के लिए खतरा हैं।

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