श्रीलंका के बाद भारत में सच सामने आएगा: गांधी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को राजद नेता शरद यादव से मिलने दिल्ली स्थित उनके निवास पर पहुंचे। हाल ही में शरद यादव लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हुए हैं। इस मौके पर शरद यादव ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, तभी कुछ बड़ा हो सकेगा। राहुल गांधी ने कहा कि बीते दो-तीन सालों से सच छिपाया जा रहा है, लेकिन धीरे-धीरे सच सामने आएगा। ऐसा ही श्रीलंका में हुआ, वहां सच सामने आया। भारत में भी सच सामने आएगा।
राजद नेता से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं शरद यादव के इस बयान से सहमत हूं कि देश में बुरे हाल हैं।
श्रीलंका की तरह भारत का भी सच जल्द सामने आने का दावा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आप भारत की आर्थिक स्थिति और नौकरी की स्थिति की कल्पना नहीं कर सकते। आपने अपने जीवन में कभी नहीं देखा होगा। ये क्या हो रहा है। इस देश के रोजगार ढांचे की रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है। लघु और मध्यम व्यवसाय, छोटे दुकानदार, अनौपचारिक क्षेत्र हमारी रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो तीन सालों से देश में मीडिया, संस्थान, भाजपा नेता व आरएसएस सच छिपा रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे वह सामने आएगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अर्थशास्त्री और नौकरशाह दूसरे देशों को देखकर अपनी योजनाएं बनाते हैं। पीएम कहते हैं हमें उनके जैसा बनना है। ऐसा नहीं किया जा सकता। सबसे पहले, हमें यह महसूस करना होगा कि हम कौन हैं और यहां क्या हो रहा है। उन्होंने कमर तोड़ दी है, अगले 3-4 साल में भयानक परिणाम आएंगे।
जब शरद यादव से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए? उन्होंने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि क्यों नहीं? यदि कोई कांग्रेस को 24 घंटे चला रहा है तो वह राहुल हैं। मैं सोचता हूं कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। उसके बाद ही कुछ बड़ा किया जा सकेगा। अध्यक्ष पद को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे।
2018 में नीतीश से नाराज होकर बनाई थी अलग पार्टी
जदयू से अलग होने के बाद शरद यादव ने अपनी अलग पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल बनाई, लेकिन उसे अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली। इसे देखते हुए शरद यादव राजद में शामिल हो गए। शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में 20 मार्च को बिना शर्त विलय किया गया था। कुछ दिन पहले ही दिल्ली में तेजस्वी यादव से शरद यादव ने मुलाकात की थी, जिस दौरान उन्होने इस बात के संकेत भी दिए थे। शरद यादव ने कहा था कि तेजस्वी यादव अब राजनीतिक विरासत संभालेंगे। शरद यादव ने 2018 में नीतीश कुमार से नाराज होकर अलग पार्टी बनाने वाले शरद यादव की अब लालू यादव के साथ दोस्ती शुरू हुई। इसके साथ ही उनकी 25 साल पुरानी राजनीतिक दुश्मनी भी खत्म हो गई।
विलय के मौके पर शरद यादव ने कहा था कि हमारी पार्टी का राजद में विलय विपक्षी एकता की दिशा में पहला कदम है। यह जरूरी है कि बीजेपी को हराने के लिए पूरे भारत में पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए। अभी एकीकरण हमारी प्राथमिकता है, उसके बाद ही हम सोचेंगे कि एकजुट विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा।
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