शनिवार, 23 अप्रैल 2022

पीएम मोदी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे सीएम

पीएम मोदी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे सीएम   

मनोज सिंह ठाकुर       
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे हैं। सीएम ने पीएम से चर्चा के दौरान प्रदेश सरकार के कई मुद्दों पर बात की। सीएम ने कहा- मध्यप्रदेश में रोजगार दिवस का आयोजन करते हैं। हर महीने एक दिन रोजगार दिवस होता है। हमारा टारगेट होता है कि कम से कम दो लाख स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। इसके लिए लोन दिया जाता है। केंद्र और राज्य दोनों मिलकर रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे। इस पर भी बात हुई है। सीएम ने कहा कि गेहूं के निर्यात को लेकर भी चर्चा हुई है। इस बार हम 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं और निर्यात करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद चर्चा में कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को होता है। मैंने इसे मध्यप्रदेश में आयोजित करने का आग्रह प्रधानमंत्री जी से किया है। हम मध्यप्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट 4,5,6 नवंबर को आयोजित करने वाले थे, लेकिन उसकी तिथि हम बदल रहे हैं। अब यह इन्वेस्टर्स समिट प्रवासी भारतीय दिवस के पहले इंदौर में 7 और 8 जनवरी को होगी।
सीएम शिवराज आदिवासी वर्ग के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर भी चर्चा की। वहीं, खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर, नक्सल समस्या, स्लीपर सेल के आतंकियों की गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी पीएम मोदी को दी।
स्टार्ट-अप नीति को और समग्र, समेकित और प्रभावी बनाने के लिए ‘एमपी स्टार्ट-अप नीति और कार्यान्वयन योजना-2022’ तैयार की गई है।
स्टार्ट-अप्स और इनक्यूबेटर्स को निवेश सहायता, आयोजन सहायता, उन्नयन सहायता और लीज रेन्टल सहायता आदि का प्रावधान।
स्कूल/महाविद्यालयीन स्तर से छात्रों में नवाचार एवं स्टार्ट-अप की भावना जागृत करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने का प्रावधान भी नीति में है।
प्रदेश में 1,900 से अधिक स्टार्टअप इंडिया से अधिमान्य स्टार्ट-अप अब तक स्थापित हो चुके हैं।
प्रदेश में न्यूनतम 1 स्टार्ट-अप EKI Energy Services को प्रतिष्ठित यूनिकॉर्न स्टार्टअप का दर्जा प्राप्त हुआ।
प्रदेश में 2022 में न्यूनतम 2 स्टार्ट-अप को यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप का दर्जा प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर के निर्माण की बात कही गई है, जिससे एक-एक बूंद पानी का संचय किया जा सके।
प्रदेश में 52 जिलों में 75 संरचना के हिसाब से कुल 3825 अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था।
प्रदेश में अब तक लगभग 2100 करोड़ रुपए की लागत के 5534 अमृत सरोवर स्वीकृत किए जा चुके हैं।
इस पहल से अब तक प्रदेश में लगभग 500 करोड़ रुपए का मजदूरी के रूप में भुगतान किया जा चुका है।
2022-23 में गेहूं निर्यातकों को मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति की योजना लागू गई।
गेहूं निर्यात को बढ़ावा देने निर्यातकों को मात्र 1000 रुपए में प्रदेश स्तरीय एकल लाइसेंस मिलेगा।
अब तक 358 निर्यातकों द्वारा पोर्टल पर पंजीयन कराया गया। पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं के निर्यात में 8-10 गुना वृद्धि हुई।
इस साल प्रदेश से गुजरात, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र की बंदरगाहों से लगे रेलवे रेक पॉइंट्स पर भेजी जा रही गेहूं की रेक संख्या में वृद्धि हुई। पिछले 1 माह में प्रदेश से 87 रेक के माध्यम से लगभग 2.4 लाख टन गेहूं बंदरगाहों तक भेजा जा चुका है।
कृषि निर्यात प्रकोष्ठ में निर्यातकों की सहायता हेतु एक्सपोर्ट हेल्पलाइन नंबर 18002333474 जारी किया।
11 अप्रैल 2022 को इजिप्ट के प्रतिनिधिमंडल के इंदौर दौरे के बाद कृषि निर्यात प्रकोष्ठ के अधिकारी लगातार इजिप्ट के आयातकों के संपर्क में हैं ।
केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार मिलकर इजिप्ट को गेहूं निर्यात करने के लिए कांडला / मुंदरा पोर्ट से गेहूं के जहाजों का फ्लैग ऑफ कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
मध्यप्रदेश साल 2021-22 में प्रचलित दरों पर 19.7 % विकास दर हासिल करने में सफल रहा।
देश की अर्थव्यवस्था में राज्य के योगदान का 3.6 प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया ।
राज्य की प्रतिव्यक्ति आय बढ़कर 1 लाख 24 हज़ार रुपए प्रति वर्ष से भी अधिक हो गई।
राज्य सकल घरेलू उत्पाद अब बढ़कर 11 लाख 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गया है , जो कि प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है। 2020-21 में पूंजीगत व्यय बढ़कर 31 हजार 586 करोड़ और वर्ष 2021-22 में हमारा पूंजीगत व्यय 40 हजार 415 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है , जो कि एक नया रिकॉर्ड है।
2022-23 के बजट में सरकार ने पूंजीगत मद में 48 हजार 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है , जो कि राज्य के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है।
2007 से वर्ष 2020 तक लगभग 14 सालों में मध्यप्रदेश का कुल निर्यात 2.9 बिलियन डॉलर से बढ़कर 6.4 बिलियन डॉलर हो गया है।
निर्यात में वृद्धि उस समय संपूर्ण भारत की औसत निर्यात वृद्धि से लगभग 5 गुना है‌। मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था में स्वसहायता समूहों का योगदान 4 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
केंद्र सरकार की विशेष पूंजीगत सहायता योजना अंतर्गत रुपए 6280 करोड़ का ब्याज रहित ऋण प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है।

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