दैनिक सामान खरीदने के लिए गहने बेचने को मजबूर
सुनील श्रीवास्तव
कोलंबो। श्रीलंका की खस्ताहाली का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि लोग अनाज व अन्य जरूरी दैनिक सामान खरीदने के लिए घर के गहने बेचने को मजबूर हो गए हैं। कोलंबो के सबसे बड़े सराफा बाजार कोलंबो गोल्ड सेंटर के कई कारोबारियों ने बताया कि लोगों को दैनिक सामान की खरीद के लिए गहने बेचने पड़ रहे हैं। कारोबारी सिल्वा के अनुसार, ‘हमने श्रीलंका में ऐसा संकट पहले कभी नहीं देखा। श्रीलंकाई मुद्रा की कीमत में ऐतिहासिक गिरावट के बाद गहनों के खरीदारों की संख्या बहुत कम हो गई है और बेचने वालों की बहुत ज्यादा।’
श्रीलंका 1948 में आजादी मिलने के बाद से अबतक के सबसे भीषण आर्थिक व राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंकाई रुपया सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन चुकी है। शनिवार को एक श्रीलंकाई रुपया की कीमत 315 डालर थी। निजी मनी एक्सचेंज तो एक डालर के लिए 345-380 श्रीलंकाई रुपये तक चार्ज कर रहे हैं। 24 कैरेट सोने की कीमत 2.05 लाख श्रीलंकाई रुपये तक पहुंच गई है।
श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने शनिवार को कहा कि आर्थिक संकट से पार पाने और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति श्रृंखला दुरुस्त करने के लिए देश को अगले छह महीने में तीन अरब डालर की मदद की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, ‘यह अत्यंत कठिन काम है।’ रायटर से खास बातचीत में साबरी ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से बातचीत के लिए तैयार हैं। अंतरराष्ट्रीय संप्रभु बांड के पुनर्गठन, ऋण भुगतान स्थगन व जुलाई में एक अरब डालर के कर्ज की अदायगी के लिए और वक्त मांगने जैसे प्रयास कर रहे हैं।’ जेपी मार्गन के विश्लेषकों का मानना है कि श्रीलंका का मौजूदा वित्तीय घाटा तीन अरब डालर होने को है और यह साल के अंत तक सात अरब डालर हो जाएगा।
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