इन 143 वस्तुओं में से 92 प्रतिशत को 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब से 28 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। इस वस्तुओं में कई ऐसी हैं जिनके दामों में जीएसटी परिषद ने नवंबर 2017 और दिसंबर 2018 में कटौती की थी और अब इस बढ़ोतरी से उनके दाम एक बार फिर से बढ़ जाएंगे।
जीएसटी की दरों में यह परिवर्तन कई चरणों में हो सकता है क्योंकि कई राज्यों ने फिलहाल बढ़ती महंगाई के कारण दरों में बदलाव के समय पर सवाल उठाया है।
मार्च 2022 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 14.55 प्रतिशत हो गई, जबकि मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 17 महीने के उच्च स्तर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई।
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