गुरुवार, 3 मार्च 2022

एडमिन ने अपराधिक प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की


बृजेश केसरवानी    
प्रयागराज। व्हाट्सएप्प ग्रुप के एक सदस्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूपान्तरित फोटो ग्रुप में डाल दिया था, इसे लेकर आईटीएक्ट की धारा 66 के तहत केस दर्ज हुआ। याची ग्रुप एडमिन ने इस अपराधिक प्रक्रिया को रद्द करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप्प ग्रुप के एडमिन के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस में हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी है।

हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह ग्रुप एडमिन है, ऐसे में ग्रुप में किए गए पोस्ट से वह खुद को अलग नहीं कर सकता है। जस्टिस मोहम्मद आलम ने याचिकाकर्ता मोहम्मद इमरान मलिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। याची का कहना था कि वह ग्रुप एडमिन है। उसने प्रधानमंत्री का रूपान्तरित फोटो ग्रुप में नहीं डाला है। यह फोटो ग्रुप के एक सदस्य निज़ाम आलम ने डाला है, इसके लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। याची ने कहा कि ग्रुप एडमिन होने के नाते वह सदस्य के गलत कृत्य के लिए दोषी नहीं हो सकता और उसके खिलाफ आईटीएक्ट के अन्तर्गत दर्ज केस रद्द किया जाय। 

कोर्ट में पेश सरकारी वकील ने कहा कि याची ग्रुप एडमिन है। वह एडमिन होने के नाते ग्रुप का सह- व्यापक (को- एक्सटेंसिव) सदस्य है। इस कारण यह नहीं कहा जा सकता कि याची ने धारा 66 आई टी एक्ट के अन्तर्गत अपराध नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि याची ग्रुप एडमिन है, वह भी गलत संदेश के लिए जिम्मेदार है। यह कहते हुए कोर्ट ने याची को राहत देने से इंकार कर दिया।

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