विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन किया
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके है। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है। विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत ने उसे इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए मजबूत स्थिति में लगा दिया है।
विश्लेषकों का कहना है कि उत्तरप्रदेश में बीजेपी की बड़ी जीत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी के बारे में फैसला करने का भरपूर मौका होगा जो 24 जुलाई 2022 को अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
राष्ट्रपति चुनावों से पहले इन पांच राज्यों की 19 राज्यसभा सीटें खाली होने वाली हैं, जो उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में हैं और इन सीटों का फैसला नए विधायक ही करेंगे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए क्षेत्रीय पार्टियों के मुख्यमंत्रियों की लामबंदी भी शुरू हो गई है। उत्तरप्रदेश के हर विधायक के वोट की वैल्यू 208 है, जो देश में सबसे अधिक है। इस वजह से यूपी के विधायक राष्ट्रपति चुनावों में भी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
उत्तरप्रदेश के चुनाव परिणाम अगर समाजवादी पार्टी के पक्ष में आते तो बीजेपी को बीजद, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे दलों के समर्थन पर निर्भर रहना पड़ता, राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोकसभा, राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली एवं पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल है।
वहीं इस साल राज्यसभा की 75 सीटें खाली होने वाली हैं। इनमें 73 को राष्ट्रपति चुनावों से पहले भरा जाएगा। ज्यादातर सदस्य अप्रैल में रिटायर होंगे। इनके चुनाव जून और जुलाई में हो जाएंगे। सात नॉमिनेटेड सदस्यों को छोड़ दे तो इन 73 में से 66 सांसद राष्ट्रपति चुनावों में वोट डालेंगे। इनमें 19 सीटें तीन चुनावी राज्यों से हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि उत्तरप्रदेश में बीजेपी की बड़ी जीत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी के बारे में फैसला करने का भरपूर मौका होगा जो 24 जुलाई 2022 को अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
राष्ट्रपति चुनावों से पहले इन पांच राज्यों की 19 राज्यसभा सीटें खाली होने वाली हैं, जो उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में हैं और इन सीटों का फैसला नए विधायक ही करेंगे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए क्षेत्रीय पार्टियों के मुख्यमंत्रियों की लामबंदी भी शुरू हो गई है। उत्तरप्रदेश के हर विधायक के वोट की वैल्यू 208 है, जो देश में सबसे अधिक है। इस वजह से यूपी के विधायक राष्ट्रपति चुनावों में भी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
उत्तरप्रदेश के चुनाव परिणाम अगर समाजवादी पार्टी के पक्ष में आते तो बीजेपी को बीजद, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे दलों के समर्थन पर निर्भर रहना पड़ता, राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोकसभा, राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली एवं पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल है।
वहीं इस साल राज्यसभा की 75 सीटें खाली होने वाली हैं। इनमें 73 को राष्ट्रपति चुनावों से पहले भरा जाएगा। ज्यादातर सदस्य अप्रैल में रिटायर होंगे। इनके चुनाव जून और जुलाई में हो जाएंगे। सात नॉमिनेटेड सदस्यों को छोड़ दे तो इन 73 में से 66 सांसद राष्ट्रपति चुनावों में वोट डालेंगे। इनमें 19 सीटें तीन चुनावी राज्यों से हैं।
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