देश में जीवित लौटना, किसी चमत्कार जैसा: छात्र
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उत्तरपूर्वी यूक्रेन में संकटग्रस्त सूमी शहर में फंसे भारतीय छात्रों ने कहा कि युद्ध से बच निकलना उनके लिए एक ‘चमत्कार’ की तरह है और शुक्रवार की सुबह आखिरकार वे दिल्ली पहुंचे। जिसके बाद उन्हें राहत महसूस हुई। सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में छठे वर्ष के मेडिकल छात्र धीरज कुमार ने कहा कि वह यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर अपने माता-पिता को देखकर खुश हैं।
कुमार ने कहा कि हम सूमी में अप्रत्याशित चुनौतियों से गुजरे हैं। 13 दिनों तक युद्ध की विभीषिका को देखना और उससे बचे रहना एक भयानक अनुभव था। मेरे लिए, अपने देश में जीवित लौटना किसी चमत्कार जैसा लगता है। आईजीआई हवाई अड्डे पर पहुंचने पर कुमार ने अपने माता-पिता के पैर छुए, जो अपने बेटे को लेने के लिए हिमाचल प्रदेश के चंबा से आए थे। कुमार ने भारत सरकार और यूक्रेन और पोलैंड में दूतावासों को उनकी निकासी और भारत में सुरक्षित वापसी में मदद करने के लिए सबका आभार जताया।
कुमार ने कहा कि हमारी सरकार ने हमारा बहुत सहयोग किया। उन्होंने हमें वापस लाने के लिए सब कुछ किया। मुझे यहां वापस आकर राहत मिली है। पूर्वी यूरोपीय देश के सूमी शहर में युद्ध के माहौल में दो सप्ताह तक रहने के बाद परिवहन के कई साधनों का उपयोग कर यूक्रेन में सैकड़ों मील की दूरी तय करते हुए छात्र युद्धग्रस्त क्षेत्र से बाहर निकाले। युद्ध प्रभावित क्षेत्र से बचने के लिए कठिन यात्रा से गुजरने के बाद छात्रों को सूमी से दूसरे प्रयास में निकाला गया।
पिछले महीने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से सूमी में भारी गोलाबारी देखी जा रही है। सूमी से लौटी मेडिकल की छात्रा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की मूल निवासी महिमा राठी ने कहा कि हर बार सायरन बजने पर उन्हें बंकरों में भागना पड़ता था। राठी ने कहा, ”जब भी सायरन बजता था, हमें बंकरों में शरण लेनी पड़ती थी। हम सभी बहुत डरे हुए थे। हम नहीं जानते थे कि क्या हम जीवित बच पाएंगे और सुरक्षित लौट पाएंगे।
भारत लौटने के बाद अब हमने राहत की सांस ली है।” पोलैंड के रेजजो से एअर इंडिया की एक उड़ान सूमी से निकाले गए 240 छात्रों को लेकर शुक्रवार सुबह दिल्ली में उतरी। अधिकारियों ने बताया कि विमान ने बृहस्पतिवार को रात करीब साढ़े 11 बजे (भारतीय समयानुसार) रेजजो से उड़ान भरी और शुक्रवार सुबह पौने छह बजे बजे दिल्ली में उतरा। सूमी से निकाले गए 600 छात्रों के एक बड़े अंतिम समूह को वापस लाने के लिए भारत ने पोलैंड के लिए तीन उड़ानें भेजी हैं।
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