'कवच सुरक्षा तकनीक' का सफल परीक्षण किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया। इस ऑटोमैटिक तकनीक के जरिए अब दो गाड़ियों के बीच आमने-सामने से टक्कर नहीं होगी। इस तकनीक को देश में तैयार किया गया है। आज इस तकनीक के परीक्षण के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी ट्रेन में मौजूद रहे। कवच की टेस्टिंग के लिए रेल मंत्री खासतौर पर सिकंदराबाद पहुंचे थे। मंत्री ने खुद परीक्षण का एक वीडियो शेयर किया है। इसमें देखा जा सकता है कि अश्विनी वैष्णव सामने ट्रेन में बैठे हैं और दूसरी तरफ से एक और गाड़ी आ रही है। दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मौजूद थे। लेकिन 380 मीटर दूर ही ट्रेनें अपने आप रुक गईं। बता दें कि साल 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत के तहत 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना के बारे में ऐलान किया गया था।
इस डिजिटल सिस्टम के कारण मानवीय चूक के चलते होने वाले रेल हादसों पर लगाम लग जाएगी, क्योंकि रेड सिग्नल को नजरअंदाज करने या किसी अन्य खराबी पर ट्रेन अपने आप रुक जाएगी। जानकारी के मुताबिक कवच के लगने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर आएगा, जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर करीब दो करोड़ रुपये है।
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