सूखा राहत का लाभ, किसानों को देने की मांग की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस सदस्य नीरज डांगी ने सूखा राहत का लाभ भूमिहीन किसानों को भी दिये जाने की मांग की है। श्री डांगी ने मंगलवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि सूखा राहत का लाभ वर्तमान में लघु और सीमांत किसानो को ही मिलता है। भूमिहीन, दलित और आदिवासी किसान इस राहत से वंचित रह जाते है।
उन्होंने कहा कि सूखे से न केवल फसलें नष्ट हाे जाती है, बल्कि पशुचारे की भी समस्या हो जाती है। चारे की कमी के कारण किसान अपने पशुओं को खुले में छोड़ देते हैं। जिसे कुछ स्थानों पर गौशालाओं में शरण दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि सूखे राहत के प्रावधान को इस तरह से बनाया जाना चाहिए। जिससे भूमिहीन किसानों को भी इसका लाभ मिल सके।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एलामारन करीम और बी शिवदासन ने आज आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को मामला उठाया और उन्हें न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा दिये जाने की मांग की। उन्होंने कि आंगनबाड़ी सेविकायें बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन तैयार करती हैं लेकिन उन्हें कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है।
साथ ही उन्होंने कहा कि इनके बजट आवंटन को भी घटा दिया गया है और आंगनबाड़ी और आशा से जुड़े लोग राजधानी में धरना दे रहें जिनकी मांगों पर तुरंत ध्यान दिये जाने की जरूरत है। एमडीएमके के वाईको ने तमिलनाडु के मछुआरों पर श्रीलंका के सुरक्षा बलों के हमलों के मामलों को उठाते हुये कहा कि सरकार को इसे गंभीरता से लेनी चाहिए।
राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने देश में महिला बड़ी श्रमिकों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि इन्हें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में करीब 50 लाख निबंधित महिला बीड़ी श्रमिक हैं जो कई बीमारियों से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग , आंखों की समस्या और कैंसर जैसी घातक बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने इन श्रमिकों के लिए स्व सहायता समूह बनाने की मांग की।
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