शुक्रवार, 11 मार्च 2022

वृंदावन की लट्ठमार होली 'कविता'

वृंदावन की लट्ठमार होली      'कविता'

फूल खिले हैं पलास के,
केसरिया और रंग लाल।
खूब डुबोकर भिगा दिए,
बना दिया गुलाल।

फाग खेलकर थक गए,
तीन रंग का चैत्र करें निढाल।
गोरी-गोरी बाहें, 
'गौरी' के गाल लाल-लाल।

होरी खेरे सखा संग नंदलाल,
होरे शा, रा, रा, रा, 
होरे शा, रा, रा, रा।
चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'

लट्ठमार होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज।‌ उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...