आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित नहीं करने का निर्देश
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एफएम रेडियो चैनलों को अश्लील एवं आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित नहीं करने का निर्देश देते हुए कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की सामग्री को प्रसारित करना ‘ग्रांट ऑफ परमिशन एग्रीमेंट’ (जीओपीए) का घोर उल्लंघन है। मंत्रालय ने हाल ही में जारी किए एक परामर्श में कहा कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पाया है कि कई एफएम रेडियो चैनल पर अकसर अश्लील एवं आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित की जाती है। यह भी पाया गया कि कई प्रस्तोता (रेडियो जॉकी) द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा अशोभनीय, दोहरे अर्थ वाली और आपत्तिजनक होती है। वे अकसर मानहानिकारक और अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, जो सही नहीं लगती।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि ग्रांट ऑफ परमिशन एग्रीमेंट (जीओपीए) की धारा 7.6 में प्रावधान है कि ग्रांट पाने वाला यह सुनिश्चित करेगा कि उसके प्रसारण चैनल पर प्रसारित कोई भी सामग्री, संदेश, विज्ञापन या संवाद भारत के कानूनों के तहत आपत्तिजनक, अश्लील, अनधिकृत या असंगत ना हो। बयान में कहा गया कि ऐसी किसी भी सामग्री को प्रसारित करना जीओपीए का घोर उल्लंघन है। इसमें यह भी प्रावधान है कि अनुमति प्राप्त करने वाला उसी कार्यक्रम एवं विज्ञापन नियम का पालन करेगा जिसका आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो एआईआर) अनुसरण करता है।
मंत्रालय ने कहा कि, मंत्रालय, जीओपीए से प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सभी एफएम रेडियो चैनल को सलाह देता है कि वे निर्धारित नियमों एवं शर्तों का सख्ती से पालन करें और इसका उल्लंघन करने वाली किसी भी सामग्री को प्रसारित न करें। सभी चैनल ऐसी सामग्री के प्रसारण में अपने विवेक का इस्तेमाल करें। बयान में कहा गया कि, सभी एफएम रेडियो चैनल उपरोक्त निर्देश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। किसी भी उल्लंघन पर जीओपीए के निर्धारित नियमों एवं शर्तों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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