आईपीओ लॉन्च करने के लिए 12 मई तक का समय
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकार के पास बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास नए कागजात दाखिल किए बिना आईपीओ लॉन्च करने के लिए 12 मई तक का समय है। समाचार चैनल एनडीटीवी ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश के माध्यम से शेयर बिक्री में अगले वित्तीय वर्ष में देरी हो सकती है, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के पास बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास नए कागजात दाखिल किए बिना आईपीओ लॉन्च करने के लिए 12 मई तक का समय है, लेकिन रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद वैश्विक बाजारों में मंदी को देखते हुए आईपीओ अप्रैल में भी आने की संभावना नहीं है।
सरकार इस आईपीओ से 78,000 करोड़ रुपये के अपने संशोधित विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने की योजना बना रही थी। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार को अब तक 12,029 करोड़ रुपये की विनिवेश प्राप्तियां मिली हैं। 78,000 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान को देखते हुए सरकार अभी भी अपने संशोधित अनुमान से लगभग 66,000 करोड़ रुपये कम कर रही है।
एलआईसी भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, जिसकी कम बीमा पैठ वाले देश में कुल और नए प्रीमियम दोनों में 65 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। इसमें व्यक्तिगत एजेंटों (1.35 मिलियन) की एक महत्वपूर्ण संख्या है, जो 30 सितंबर, 2021 को भारत में सभी व्यक्तिगत एजेंटों का 55 प्रतिशत है। यह भारत का सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक भी है, जिसमें सूचीबद्ध शेयरों में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)।
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