गर्भवती करने के केस में 10 वर्ष का कारावास, अर्थदंड
दुष्यंत टीकम
दुर्ग। किशोरी के साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाकर उसे गर्भवती किए जाने के मामले में अदालत द्वारा फैसला सुनाया गया है। अभियुक्त को अदालत ने 10 वर्ष का कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश नीरू सिंह की अदालत में मंगलवार को सुनाया गया है। अदालत ने मामले की पीड़िता को पुनर्वास के लिए प्रतिकर के रुप में 4 लाख रूपए प्रदान किए जाने का निर्देश भी दिया है। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
घटना दुर्ग थाना क्षेत्र की है। पीड़ित और आरोपी एक ही मोहल्ला के निवासी है और आरोपी अनिल गुप्ता (29 वर्ष) नारियल पानी बेचने का व्यवसाय करता था। साथ ही आरोपी विवाहित भी है। आरोपी को दुकान और घर पर पीड़ित 15 वर्षीय किशोरी का आना-जाना था। इसी दरम्यान युवक ने किशोरी को बहला-फुसलाकर कर शारीरिक संबंध बनाना प्रारंभ कर दिया। किशोरी के घर में अकेले होने पर भी युवक उसके घर में जाकर जबरिया शारीरिक संबंध बनाता था। जिससे किशोरी गर्भवती हो गई। परिजनों द्वारा डाक्टर से जांच कराए जाने पर इसका खुलासा हुआ। जिसके बाद 29 नवंबर 2018 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत तथा किशोरी के चिकित्सकीय परीक्षण के बाद पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था। प्रकरण पर विचारण पश्चात अभियुक्त अनिल गुप्ता (29 वर्ष) को दफा 376(2)(ढ) के तहत दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला अदालत ने दिया है।
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